कॉलेज प्रबंधन ने लिया निर्णय:‘गांववाली’ से कॉलेज के बच्चे सीखेंगे डेयरी की तकनीक और फलों की पैकेजिंग और प्रोसेसिंग

भिलाई9 दिन पहले
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कॉलेज के छात्र गांव की महिलाओं से जिमीकंद और सीताफल की पैकेजिंग और प्रोसेसिंग सीखेंगे। साथ ही मसाला बनाना, बकरी व मछली पालन तथा डेयरी के काम भी सीख सकेंगे। इसके लिए साइंस कॉलेज दुर्ग ने पद्मश्री फुलबासन बाई की स्व सहायता समूह से संचालित कंपनी मां बमलेश्वरी महिला प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड गांववाली से अनुबंध किया है। साइंस कॉलेज की ओर से अर्थशास्त्र विभाग की अध्यक्ष डॉ. शिखा अग्रवाल ने अनुबंध पत्रक में हस्ताक्षर किए।

दो साल साथ मिलकर करेंगे काम
प्राचार्य डॉ. आरएन सिंह ने बताया कि छात्र जहां सैद्धांतिक गतिविधियों का संपादन करेंगे, वहीं स्व सहायता समूह की महिलाओं से पैकेजिंग और प्रोसेसिंग सीखेंगे। फुलबासन ने देश-दुनिया में नाम कमाया, उसका लाभ छात्रों को मिलेगा।

विद्यार्थियों के लिए सर्टिफिकेट कोर्स
अर्थशास्त्र विभाग की प्रो. डॉ. के. पद्मावती और डॉ. अंशुमाला चंदनगर की सहायता से महाविद्यालय में अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए सर्टिफिकेट कोर्स भी चलाया जाएगा। इससे उन्हें अर्थशास्त्र में विशेष योग्यता मिलेगी।

22 साल से महिलाओं को रोजगार
विभागाध्यक्ष ने बताया कि मां बमलेश्वरी महिला प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड यानी गांववाली से संचालित ग्रामीण उद्योगों को देखा। इसकी स्थापना 2001 में की गई थी। करीब 22 साल से लोगों को रोजगार मिल रहा है।

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