देशभर के पॉवर प्लांट में कोयला संकट के बीच बीएसपी में लाइम स्टोन की कमी का खतरा मंडराने लगा है। स्थिति को देखते हुए बीएसपी प्रबंधन भी वैकल्पिक व्यवस्था के तहत दुबई से इसकी आपूर्ति करने पर विचार कर रहा है।
पॉवर प्लांट में कोयले की कमी को दूर करने के लिए रेलवे ने 1100 यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया है। ताकि कोयले से भरे रैक को समय पर बिजली संयंत्रों तक पहुंचाया जा सके। इतना ही नहीं कोयले की सप्लाई बढ़ाने के लिए रेलवे ने अतिरिक्त रैक भी चला रहा है। बीएसपी में कोयले का संकट की स्थिति तो अब तक निर्मित नहीं हुई है लेकिन लाइम स्टोन के नियमित सप्लाई पर खतरा मंडराने लगा है। विदित हो कि बीएसपी में लाइमस्टोन की मुख्य सप्लाई जैसलमेर (राजस्थान) से की जाती है। लेकिन जिस रेलवे मार्ग से जैसलमेर से बीएसपी तक लाइम स्टोन की रैक आती है। उस रूट पर कोयले की रैक को बिना किसी बाधा के पार कराने के लिए कभी भी लाइमस्टोन के रैक को भी रोका जा सकता है। इस आशंका के चलते नया विकल्प भी तलाशा जा रहा है।
एमपी के कुटेश्वर से भी की जा रही है इसकी आपूर्ति
बीएसपी में प्रतिदिन 2 से ढाई हजार टन लाइमस्टोन की खपत होती है। इस तरह हर महीने करीब 80 हजार टन स्टोन की प्लांट में डिमांड रहती है। इनमें से आधी यानि करीब 40 हजार टन लाइमस्टोन की सप्लाई जैसलमेर और कुटेश्वर (एमपी) से की जा रही है लेकिन दोनों की रूटों में कोयले के रैक का प्रेशर है। एेसे में उनके रैक को कहीं बीच रास्ते में ही खड़ा न कर दिया जाए। इसे ध्यान में रखते हुए प्रबंधन को विकल्प पर विचार करने को मजबूर होना पड़ा। फिलहाल प्रबंधन कमी से पहले की तैयारी में लगा हुआ है।
बाहर से खरीद रहे क्योंकि खुद की माइंस में खराब है क्वालिटी
बीएसपी की खुद की लाइमस्टोन माइंस है। इनमें नंदनी के साथ-साथ कुटेश्वर की माइंस शामिल है लेकिन इन माइंस के लाइमस्टोन में सिलिका की मात्रा 4 प्रतिशत से अधिक है। जबकि जैसलमेर और दुबई के लाइमस्टोन में इसकी मात्रा एक प्रतिशत से भी कम है। इसलिए बीएसपी प्रबंधन को खुद की माइंस होने के बाद भी बाहर से इसकी खरीदी करनी पड़ रही, जिसके लिए प्रबंधन को अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहा है।
विशाखापट्टनम रूट पर कम दबाव, बंदरगाह से ट्रेन में लाएंगे
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रबंधन दुबई से लाइमस्टोन आयात करने की तैयारी में है। बताया गया कि समुद्री मार्ग से लाइमस्टोन विशाखापट्टनम बंदरगाह तक आएगा। यहां से भिलाई तक का ट्रेन रूट पर कोयले के रैक के परिचालन का दबाव नहीं है। लिहाजा विशाखापट्टनम बंदरगाह से भिलाई तक लाइमस्टोन की रैक लाना अपेक्षाकृत आसान होगा। इससे समय पर आपूर्ति होगी।
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