दुर्ग में हरियाणा से आए 10वीं पास कुछ लोगों ने 40 साल पुराने घर को जैक लगाकर 3 फीट तक उठा दिया। यह पढ़ने में थोड़ा अटपटा लग रहा होगा, लेकिन सच है। इन लोगों ने 1400 वर्ग फीट के मकान को उठाने के 10-10 टन क्षमता वाले 250 जैक का इस्तेमाल किया है। इस कारीगरी को देखने दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं।
आदर्श नगर में पेशे के क्रशर व्यवसायी जितेंद्र जोगेवार का मकान है। मकान लगभग 40 साल पुराना हो गया था। सड़क की ऊंचाई साल दर साल बढ़ने से मकान काफी नीचे हो गया था। इससे बारिश का पानी मकान में घुस रहा था। लोगों ने जितेंद्र जोगेवार को मकान तोड़कर फिर से नया बनाने की सलाह दी थी। लेकिन इसमें काफी बड़ा खर्च आने वाला था। इसी दौरान जितेंद्र ने यू-ट्यूब पर जैक से मकान को उठाने का वीडियो देखा था।
वीडियो पर दिए नंबर पर उन्होंने संपर्क किया। इसके बाद दिल्ली जाकर उनके काम को देखा। उन्होंने देखा कि वाकई वह लोग पुराने मकान को जैक से उठाकर उसकी हाइट को बढ़ा देते हैं। फिर उन्होंने 14 लोगों की टीम को यहां बुलाया। इस टीम ने जितेंद्र जोगेवार के मकान को 3 फीट ऊंचा कर दिया है।
10वीं से अधिक नहीं पढ़े हैं ये मिस्त्री
इस काम को करने वाले मिस्त्री सुरजीत का कहना है कि वह लोग काफी समय से यह काम करते आ रहे हैं। 1400 वर्ग फीट के मकान को उठाने में उन्हें एक महीने का समय लगा है। पहले उन्होंने मकान के बेस की खोदाई की। इसके बाद दीवारों के नीचे लोहे की बेस पट्टी डाली और एक-एक 250 जैक फिट किए। जिसके बाद अपने ट्रेंड कारीगरों की मदद से एक साथ जैक को उठाने का काम किया है। मकान उठ गया है। अब उसके नीचे के बेस को तैयार किया जा रहा है। इसी के सहारे फिर से मकान को आधार दे दिया जाएगा। ये काम करने वाले सभी कारीगरों ने केवल 10वीं तक ही पढ़ाई की है।
250 रुपए स्क्वायर फीट आती है लागत
सुरजीत ने बताया कि एक नया मकान बनाने में उसकी लागत 1100 रुपए प्रति वर्ग फीट आती है। वह लोग 250 रुपए प्रति वर्ग फीट की लागत से मकान को उठाते हैं और उसको ऊंचाई देकर नीचे का नया मजबूत बेस तैयार करते हैं। इस टेक्नीक से चार गुना कम लागत में ही पुराना मकान नए मकान की तरह ऊंचा और फिर से नए की तरह हो जाता है।
जितेंद्र जोगेवार ने बताया कि उनका मकान 40 साल पुराना है। उसमें कॉलम और बेस नहीं है। इसलिए इसे जैक से उठाना काफी चुनौती पूर्ण था। ऐसे मकान को भी इन लोगों ने बड़ी ही आसानी से उठा दिया और मकान में कहीं दरार तक नहीं आई। न ही मकान की इलेक्ट्रिसिटी व नल कनेक्शन आदि को डिस्टर्ब करना पड़ा।
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