उतई स्थित सीआईएसएफ रीजनल ट्रेनिंग सेंटर में सिपाही भर्ती परीक्षा घोटाला करने वाली गैंग के 13 मुन्ना भाइयों को पहचान लिया गया है। गिरोह से जुड़े 8 आरोपियों को पुलिस अब तक गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें दो आरोपी सत्यपाल सिंह और नत्थीलाल वर्मा को यूपी के फतेहाबाद से बुधवार को पुलिस की टीम लेकर आ गई है।
पूछताछ में पता चला है कि सत्यपाल ने गिरोह में सॉल्वर का काम किया है। सत्यपाल ने ही मुख्य अभ्यर्थी सुनील पाल, रॉबिन सिंह, धर्मपाल और उदयभान के स्थान पर रिटर्न परीक्षा दी थी। सत्यपाल ने भी सीआईएसएफ भर्ती परीक्षा में अपना आवेदन जमा किया था।
लेकिन वह रिटर्न परीक्षा में फेल हो गया। जबकि वह पहले भर्ती परीक्षा में दूसरों के स्थान पर रिटर्न परीक्षा देकर लोगों को पास करवा चुका है। इधर नत्थीलाल फिजिकल परीक्षा के दिन अभ्यर्थी के स्थान पर दो आरोपियों को लेकर आया था। चार आरोपी चंद्रशेखर, श्यामवीर, महेंद्र और अजीत के पकड़े जाने के बाद नत्थी व सत्यपाल उतई से भाग गए थे। सत्यपाल ने रायपुर के दो अलग-अलग सेंटर पर रिटर्न परीक्षा दी है।
कैसे काम करता था गिरोह, उसके चेन सिस्टम को ऐसे समझिए...
डीएस तोमर, मास्टरमाइंड भिंड के 17वीं बटालियन में पदस्थ जवान डीएस तोमर है। दुर्गेश, हरिओम और नत्थी उसके रिश्तेदार हैं। ये ही भर्ती परीक्षा के लिए युवक तलाशते थे। फिजिकल के लिए उन्हें तैयार करते थे। मास्टरमाइंड उनके लिए आधार कार्ड और निवास प्रमाण पत्र तैयार करता था।
गिरोह के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करने वह वह 20-20 हजार रुपए लेता था। गिरोह अभ्यार्थियों का आवेदन जमा होने के बाद ई प्रवेश पत्र का प्रिंट आउट निकालते और उस पर सत्यपाल अपनी तस्वीर लगाकर दोबारा प्रिंट आउट निकालकर रिटर्न परीक्षा देने जाता था।
अभी तक 8 आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी, बाकी पांच की तालाश हो रही
दुर्गेश मास्टरमाइंड पुलिसकर्मी का चचेरा भाई है। वह बेरोजगार युवकों को भर्ती परीक्षा में शामिल होने तैयार करता था। दुर्गेश ने ही 4 अभ्यर्थियों के दस्तावेजों से भर्ती परीक्षा में फार्म जमा करवाया था। चारों से 5-5 लाख में सौदा तय हुआ था। सुनील पाल, रॉबिन सिंह, उदयभान, धर्मपाल चारों मूल अभ्यर्थी हैं।
हरिओम और दुर्गेश आपस में रिश्तेदार हैं। दोनों फतेहाबाद इलाके में अलग-अलग गांव में रहते है। हरिओम भर्ती परीक्षा में आवेदन जमा करने वाले सुनील के स्थान पर चंद्रशेखर और रॉबिन के स्थान पर श्यामवीर को भर्ती में फिजिकल की परीक्षा दिलाने के लिए उतई लेकर आया था।
नत्थी गांव में नौकरी लगाने का झांसा देकर बेरोजगारों से संपर्क करता था। उनसे पैसा लेकर नौकरी लगवाने झांसा देता था और 2 लाख लेता था। उसके खिलाफ आगरा में उतई का फर्जीवाड़ा का पता चलने पर केस दर्ज हुआ है। फिजिकल देने आए चंद्रशेखर, श्यामवीर, महेंद्र और अजीत पकड़े जो चुके हैं।
सॉल्वर सत्यपाल
सत्यपाल पेशे से प्राइमरी टीचर है। वह गांव के छोटे बच्चों को पढ़ाता है। दुर्गेश ने भर्ती परीक्षा में आवेदन जमा करने वाले चारों युवकों के स्थान पर रिटर्न परीक्षा देने सत्यपाल को तैयार किया था। सत्यपाल ने एवज में 7 लाख मांगे थे। अभी तक उसे इसके एवज में डेढ़ लाख मिल चुके थे।
अभ्यर्थी बने सत्यपाल का फिंगरप्रिंट भी हुआ मैच
एसडीओपी पाटन देवांश सिंग राठौर के मुताबिक फिजिकल के दौरान चार संदिग्ध को पकड़ा था, तब मामला खुला। चारों मुख्य अभ्यर्थियों की जगह पर सत्यपाल ने रिटर्न एग्जाम दिया था। सत्यपाल के पकड़े जाने के बाद उसके फिंगरप्रिंट मैच हो गए हैं।
फर्जीवाड़ा करने वाली गैंग में शामिल आरोपी 6वीं से 12 तक ही पढ़े-लिखे हैं
पुलिस के मुताबिक गिरोह के मास्टरमाइंड तोमर ने 12वीं, दुर्गेश 10वीं, नत्थी 6वीं और हरिओम ने 10वीं तक पढ़ाई की है। जबकि फिजिकल परीक्षा देने आए चारों युवक 10वीं पास हैं। पुलिस के मुताबिक मास्टरमाइंड के लिए दुर्गेश, हरिओम और नत्थी गांवों में अभ्यर्थी तलाशकर लेनदेन करते थे। केस दर्ज होने के बाद मास्टरमाइंड बटालियन छोड़ फरार हो गया है। सूचना बटालियन के एसपी को दे दी गई है।
पुलिसकर्मी के एसएससी व सीआईएसएफ से कर्मचारी मिलीभगत की भी है आशंका
एएसपी ग्रामीण अनंत साहू के मुताबिक मास्टरमाइंड तोमर पहले भी कई प्रतियोगी परीक्षा में ऐसा फर्जीवाड़ा कर चुका है। शंका है कि उसकी एसएससी और सीआईएसएफ के कर्मियों से सांठगांठ है। पुलिस ने भिंड बटालियन से उसके बैंक से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं। मोबाइल नंबर की डिटेल खंगाली जा रही है। पकड़ाए आरोपियों के मोबाइल की कॉल डिटेल का मिलान भी कर रहे। इससे पुराने फर्जीवाड़े भी खुलेंगे।
दोनों आरोपी को रिमांड में लिया, पूछताछ में और भी खुलासे होंगे, कड़ियां जोड़ रहे
सीआईएसएफृ भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी करने वाली गैंग के 8 सदस्यों को टीम ने उतई पुलिस की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। करीब 5 आरोपी अभी फरार हैं। तलाश की जा रही है। दो आरोपी नत्थीलाल और सत्यपाल का एक दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है। दोनों से पूछताछ के बाद अन्य कड़ियां जुड़ेंगी।
डॉ.अभिषेक पल्लव, एसपी दुर्ग
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