CISF की आरक्षक भर्ती परीक्षा देने वाले डमी कैंडिडेट और उसका इंतजाम करने वाले आरोपी को दुर्ग पुलिस ने उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के फतेहाबाद से गिरफ्तार किया है। इससे पहले इस मामले में पुलिस 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस आगरा से लाई है वह चार बार दूसरे कैंडिडेट के लिए SSC की परीक्षा में क्वालीफाई कर चुका है। अभी भी इस मामले में पांच आरोपियों की तलाश जारी है।
एसडीओपी देवांश राठौर ने बताया कि 18 मई को CISF की आरक्षक जीडी 2021 की परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। विवेचना के दौरान 19 मई को 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि फतेहाबाद, आगरा उत्तर प्रदेश निवासी सत्यपाल सिंह (24) ने अभ्यर्थी की जगह परीक्षा दी थी।
लिखित परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए डमी कैंडिडेट का इंतजाम निभौरा, आगरा निवासी नत्थीलाल (20 ) ने किया था। इसके लिए सभी अभ्यर्थियों से दो-दो लाख रुपए लिए थे। इसके बाद एसपी दुर्ग डॉ. अभिषेक पल्लव एसडीओपी पाटन देवांश सिंह राठौर ने मार्गदर्शन में एक टीम को आगरा भेजा। थाना उतई से यूपी गई टीम ने आरोपी सत्यपाल सिंह और नत्थीलाल को गिरफ्तार किया और दुर्ग लेकर आई। सत्यपाल सिंह ने की फिंगर प्रिंट मिलान कर पहचान की गई। जबकि दूसरे आरोपी नत्थीलाल ने शामिल होना कबूल लिया है।
गिरोह का सरगना सहित पांच अभी भी फरार
इस पूरे भर्ती गिरोह का सरगना मध्य प्रदेश आर्म्स फोर्स में 17वीं बटालियन का जवान डीएस तोमर है। जैसे ही इसे पता चला कि मामले में पुलिस उन्हें खोज रही है वह बटालियन में रवानगी डालकर छुट्टी पर चला गया। इसके साथ ही पुलिस को सुनील, उदय भान, रॉबिन और धरमपाल की भी तलाश है। ये चारों भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी थे। इनके नाम पर ही आवेदन फार्म और प्रवेश पत्र था। इनके द्वारा पैसा दिया गया इसके बाद इनकी जगह पर सत्यपाल ने बैठकर रिटेन निकाला। चारों लोगों के एंट्रेंस एग्जाम अलग-अलग डेट पर थे, इसलिए सत्यपाल ने ही चारों का पेपर साल्व किया और उनका रिटेन भी क्वालीफाई हुआ था।
इस तरह प्रवेश पत्र में लगाई अपनी फोटो
CISF भर्ती परीक्षा का प्रवेश पत्र ऑनलाइन जारी किया गया था। सत्यपाल ने सुनील, उदयभान, रॉबिन और धरमपाल का प्रवेश पत्र निकाला। अभ्यर्थी की फोटो के कालम पर अपनी फटो चस्पा की। इसके बाद उस प्रवश पत्र की फिर से एक फोटोकॉपी करवा ली। इसके बाद चारों के प्रवेश पत्र में सत्यपाल की फोटो दिखने लगी और वह आसानी उनकी जगह लिखित परीक्षा दे सका।
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