भाजपा जिला भिलाई के जिलाध्यक्ष बृजेश बिचपुरिया को वहां के अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफे देने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अल्प संख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष शमद कुरैशी हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष उनकी जगह दूसरे को यह जिम्मेदारी दे रहे हैं। उन्होंने इसके लिए किसी से कोई राय भी नहीं ली है। इससे वो लोग आहत है। उन्होंने जिलाध्यक्ष से मांग की है उनका अध्यक्ष शमद कुरैशी को ही बनाया जाए, नहीं तो वो लोग सामूहिक इस्तीफा दे देंगे। अल्प संख्यक मोर्चा भिलाई के जिला मंत्री परवेज सलमानी का कहना है कि इसके लिए उन्होंने जिलाध्यक्ष बृजेज बिचपुरिया से इस मुद्दे को लेकर मुलाकात की है। उन्हें अपनी राय व मांग बताई है। परवेज का कहना था कि एक समय था जब भिलाई के फरीद नगर, इस्लाम नगर में भाजपा झंडा भी नहीं लगता था। शमद कुरैशी ने एक एक आदमी को भाजपा से जोड़ने का काम किया है। आज वहां भाजपा के लिए मुस्लिम वोट निकल कर आ रही है। शमद भाजपा का झंड़ा कभी अकेले उठाकर घूमते थे। आज उनके साथ बड़ी संख्या में मुस्लिम भाई जुड़ रहे हैं। इसके बाद वो राजनीति का शिकार हो रहे हैं। उन्हें षड़यंत्र करके हटाया जा रहा है। ऐसी जानकारी मिली है कि अल्पसंख्यक मोर्चा का जिलाध्यक्ष ऐसे व्यक्ति को बनाया जा रहा है जिसे कोई जानता भी नहीं है। इस तरह तानाशाही वो नहीं चलने देंगे। यदि शमद की जगह दूसरे को ये जिम्मेदारी दी गई तो वो लोग सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।
जिलाध्यक्ष की प्रस्तावित सूची में दूसरे व्यक्ति का नाम
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा भिलाई के जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद रमजान का कहना है कि उन्हे सूत्रों से जानकारी मिली है कि यहां से अल्प संख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष का नाम भेजा गया है। उस सूची में शमद कुरैशी का नाम नहीं है। इसे लेकर वो लोग बड़ी संख्या में भाजपा जिलाध्यक्ष बृजेश बिचपुरिया से मिलने गए। उनके सामने अपनी बात रखी है। ये षड़यंत्र के तहत हो रहा है। यह हम बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं। जिलाध्यक्ष ने आश्वसन दिया है कि उन लोगों की मांग मानी जाएगी। यदि नहीं मानी गई तो वो लोग अपने पद से सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।
जिलाध्यक्ष ने लिखित में मांग देने की कही है बात
अल्पसंख्यक मोर्चा के पदाधिकारियों का मेरे पास फोन आया था। मैंने उन्हें मिलकर बात रखने के लिए कहा था। उसके बाद वो लोग मुझसे मिलने आए थे। मैंने उनसे कहा कि वो लोग लिखिति में अपनी मांग अपने नाम पद के साथ दे दें। इसके बाद उनकी मांग को ऊपर तक पहुंचा दी जाएगी। उसके बाद जो निर्णय लेंगे ऊपर के पदाधिकारी लेंगे।
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