सैलून संचालक ने अपने घर के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की तत्परता के चलते उसकी जान बच गई। दुर्ग पुलिस ने तत्काल मौके पर पहुंचकर बंद कमरे का दरवाजा तोड़ा। फंदे की रस्सी टूट जाने से युवक कमरे में ही गिरकर बेहोश हो गया था। उसे तुंरत अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसका उपचार किया गया।
दुर्ग थाना प्रभारी एसएन सिंह ने बताया कि मंगलवार देर रात रनचिरई जिला बालोद निवासी ओम प्रकाश सेन थाने पहुंचा था। उसने बताया कि उसके ससुर आत्माराम उमरे (49 साल) ने पोलसायपारा शीतला मंदिर तालाब के नीचे दुर्ग स्थित अपने घर में फांसी लगा लिया है। काफी आवाज देने के बाद भी वह दरवाजा नहीं खोल रहा है।
सूचना मिलते ही टीआई ने एक टीम को मौके पर भेजा। सहायक उप निरीक्षक आरएल वर्मा और आरक्षक विनोद सिंह ने मौके पर जाकर देखा कि मकान के फर्स्ट फ्लोर में बने किचन में आत्माराम ने खुद को बंद कर लिया है। किचन का दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस ने बिना देरी किए दरवाजे को तोड़ा तो देखा कि आत्माराम जमीन पर बेहोश पड़ा है। उसके गले में टूटा हुआ फंदा डला था। पुलिस ने चेक किया तो उसकी सांसे चल रही थीं। इस पर बिना देरी किए उसे अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में समय पर इलाज मिल जाने से उसकी जान बच गई। फिलहाल उसकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि आत्माराम उमरे परिवारिक परेशानियों के चलते काफी टेंशन में रहता था। इसके चलते ही उसने यह कदम उठाया। उसके खुदकुशी करने से परिवार के लोग काफी रो रहे थे। जैसे ही उन्होंने सुना कि उसकी सांसे चल रही हैं, तो उनकी खुशियां लौट आईं। सीएसपी अभिषेक झा का कहना है कि इस घटना में परिवार की सूझबूझ के चलते युवक की जान बचाई जा सकी है। यदि वो सूचना देने में कुछ देर करते तो उसकी जान भी जा सकती थी।
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