कोहका से जेवरा सिरसा मार्ग को बंद करने का कुटेला भाठा के ग्रामीणों ने जमकर विरोध किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विकास के नाम पर ग्रामीणों का विनाश किया जा रहा है। IIT भिलाई प्रशासन मुख्य मार्ग को अपने कैंपस की चारदिवारी के अंदर कर रहा है। ऐसा करने से कुटेला भाठा के लोग कई सुविधाओं से सीधे कट जाएंगे। ग्रामीणों ने चेतावनी कि अगर यह सड़क नहीं खोली गई तो वह लोग 27 जून से अनिश्चित कालीन धरने पर बैठेंगे।
कुटेलाभाठा सरंपच गुमन साहू ने कहा कि उनके गांव तक बड़े वाहन पहुंचने का एक मार्ग है। चाहे राशन की गाड़ी हो या फिर एंबुलेंस सभी कोहका से जेवरा सिरसा को जाने वाले इस मार्ग से होकर आते हैं। ऐसे में यदि इस रोड को आईआईटी कैंपस के अंदर ले लिया जाएगा तो गांव तक बड़े वाहन कैसे आएंगे। यदि गांव में एंबुलेंस लाना होगा तो कैसे पहुंचेगा। सरकारी राशन कैसे पहुंचेगा। आग लगने पर फायरब्रिगेड कैसे पहुंचेगी। सरपंच ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक अधिकारी केंद्र सरकार की योनजा की आड़ में ग्रामीणों के साथ बहुत बड़ा धोखा कर रहे हैं, जो कि वह लोग बर्दाश्त नहीं करें। सरपंच ने कहा कि आईआईटी प्रशासन रोड को छोड़कर अपनी बाउंड्रीवाल बना ले। इससे आम लोगों के साथ साथ गांव वालों का भी भला होगा।
कुटेला भाठा निवासी मनीष कुमार ठाकुर ने बताया कि उन्होंने अपनी मांगों को सरपंच के साथ कलेक्टर को दिया है। उनके द्वारा उनकी मांग पर विचार करने की बात कही गई है। शुरूआत में जिला प्रशासन ने कहा था कि यह मार्ग आईआईटी निर्माण के चलते कुछ दिन के लिए बंद किया जा रहा है, लेकिन अब आईआईटी प्रशासन सड़क तक सीमांकन करके यहां बाउंड्री बनाने जा रहा है। ग्रामीणों को जब इसका पता चला तो उन्होंने इसका विरोध करके निर्माण को रुकवाया है। मनीष का कहना है कि यह सड़क आईआईटी आने से पहले की है। यह एक मुख्य मार्ग है जो कि जेवरा सिरसा को भिलाई शहर से सीधे जोड़ता है। आखिर इस सड़क को आईआईटी कैंपस की जद में क्यों दिया जा रहा है। सड़क के किनारे से आईआईटी की बाउंड्रीवाल खड़ी की जाए। ऐसा करने से न तो यह सड़क बंद होगी और न गांव वालों का कोई नुकसान होगा।
ग्रामीणों ने लगाया नारा कहा करेंगे अनिश्चित कालीन हड़ताल
सड़क बंद करने के विरोध शनिवार दोपहर बड़ी संख्या में ग्रामीण पुरुष और महिलाएं इकट्ठा हुईं। कुटेला भाठा की सरपंच खुद धरने पर बैठीं। इस दौरान यहां के लोगों ने आईआईटी प्रशासन, जिला प्रशासन, केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि यदि उनकी मांग नहीं मानी तो वह लोग 27 जून से अनिश्चित कालीन धरने पर बैठेंगे।
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