छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में स्थित कोआपरेटिव बैंक में अलग ही तरह का फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक किसान के खाते से रुपए निकल गए। इसकी शिकायत बैंक से की तो पता चला कि उसका ATM कार्ड किसी और को दे दिया गया है। फिर बैंक प्रबंधन ने रुपए किसान के खाते में वापस डाल दिए। खास बात यह है कि ATM कार्ड गलती से दिया गया, पर पासवर्ड कैसे दूसरे को मिला। अब किसान ने इस मामले में SP से शिकायत की है।
दरअसल मरवाही के कोआपरेटिव बैंक में बगरार निवासी रामवती शर्मा का खाता है। उनके मोबाइल पर रुपए डेबिट होने का मैसेज आाय। इस पर वह बैंक पहुंची और मैनेजर से संपर्क किया। वहां उन्हें बताया गया कि उनका ATM कार्ड गलती से किसी और को दे दिया गया है। इस पर रामवती ने अधिकारियों से शिकायत करने की बात कही। इसके बाद बैंक प्रबंधन ने आनन-फानन में ATM कार्ड निरस्त कर खाते से कटी राशि को फिर से जमा करा दिया।
महिला का आरोप- बैंक कर्मचारियों ने फ्रॉड कर निकाले रुपए
खाता धारक महिला के बेटे शैलेंद्र का कहना है कि अगर गलती से ATM कार्ड किसी और को दिया गया, तो बैंक ने रुपए क्यों लौटाए। आरोप लगाया कि इसमें कर्मचारियों की मिलीभगत है। उन्होंने ही उनके खाते से रुपए निकाले हैं। दो बार में खाते से 19 हजार रुपए निकाले गए। 10 हजार का ट्रांजेक्शन होने पर OTP आता है, इससे बचने के लिए ऐसा फ्रॉड किया गया। अगर मोबाइल पर मैसेज नहीं आता तो खाते से रुपए निकलने का पता ही ही नहीं चलता।
मैनेजर बोले- अक्सर गलती हो जाती है, शिकायत पर सुधारते हैं
दूसरी ओर बैंक मैनेजर देवदत्त साहू का कहना है कि गलती से ATM कार्ड दूसरे को दे दिया गया था। उसे निरस्त कर दिया गया है। उससे रुपए लौटाने को कहा गया तो उसने खाते में फिर जमा कर दिए। कहा कि ऐसी गलती अक्सर हो जाती है, लेकिन शिकायत मिलने पर इसे सुधार लेते हैं। हालांकि ATM का पासवर्ड कैसे दूसरे के पास पहुंचा, इस पर वह चुप हैं। आरोप है कि ज्यादातर किसानों के अनपढ़ होने के चलते धोखाधड़ी का यह धंधा चल रहा है।
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