छत्तीसगढ़ का गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिला 3 तरफ से हाथियों के दल से घिर चुका है। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। 22 हाथियों का दल कोरबा जिले से गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की सीमा पर पहुंचा है। इनमें से एक हाथी पहले ही अपने दल से भटक गया था। वो कोरबा जिले के पसान के चंद्रोटी गांव पहुंच गया था। यहां इस हाथी ने एक ग्रामीण युवक को कुचलकर मार दिया था। इसके बाद से वो मरवाही वनमंडल के नाका गांव में विचरण कर रहा है।
इधर पहले से ही 3 हाथियों का तीसरा दल मरवाही के उसाड़ गांव में मौजूद है। यहां 3 हाथियों के दल ने जमकर उत्पात मचाया है। हाथियों ने कई घर तोड़ दिए हैं और फसलों को नुकसान पहुंचाया है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के गोंढा गांव में गुरुवार को बच्चे और शिक्षक तब दहशत में आ गए, जब स्कूल से एक किलोमीटर की दूरी पर 22 हाथियों के दल ने डेरा डाला। गुरुवार को जब करीब 50 बच्चे स्कूल में मौजूद थे, उस वक्त हाथी भी उनसे बस कुछ ही दूरी पर थे। शिक्षक और उनके परिजन इस बात को लेकर चिंतित थे कि किस तरह से बच्चों को घर तक ले जाया जाए।
बच्चों को सकुशल घर छोड़ा गया
इसके बाद उन्होंने वन विभाग को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने जैसे-तैसे हाथियों को दूर खदेड़ा और इसके बाद छात्र-छात्राओं को सुरक्षित उनके घर पहुंचाया गया। ग्रामीण यहां हाथियों के दल के कारण दहशत में हैं। हाथी उनके घर में घुसकर अनाज भी चट कर जा रहे हैं। वहीं कई घरों को तोड़ दिया है और फसलें रौंद दी हैं।
वन विभाग ने ग्रामीणों को दी नसीहत
हालांकि वन विभाग की टीम लगातार हाथियों की निगरानी कर रही है। गांवों में हाथियों से दूर रहने और जंगल में नहीं जाने की हिदायत भी दी गई है। हाथी से बचाव के उपाय भी ग्रामीणों को बताए गए हैं। रात में ग्रामीणों को घर से नहीं निकलने की हिदायत भी दी गई है।
17-18 अगस्त की दरम्यानी रात भी हाथियों ने मचाया था उत्पात
17-18 अगस्त की दरम्यानी रात को 3 हाथियों के दल ने तेंदूमुड़ा (मरवाही) में शिक्षिका रुचिका तिवारी के घर के अहाते को तोड़ दिया। रुचिका प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं और अपनी विधवा मां के साथ रहती है। उसने वन विभाग से क्षतिपूर्ति दिलाने का निवेदन किया है। कोरबा, कोरिया और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही पड़ोसी जिले हैं, ऐसे में एक जिले में हाथियों की आमद से दूसरे जिले में भी लोग डर जाते हैं।
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