झारखंड के ईंट-भट्ठे में बंधक बनाए गए छत्तीसगढ़ के जांजगीर के मजदूरों की सकुशल वापसी हो गई। सभी मजदूर बुधवार को अपने गांव लौट गए। मजदूरों ने दैनिक भास्कर को VIDEO भेज बचाने की गुहार लगाई थी। इसके बाद जांजगीर कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला और SP विजय ने पहल की। इस पर स्थानीय प्रशासन की टीम ने वहां छापा मारा और मजदूरों को मुक्त कराया।
दरअसल, सक्ती क्षेत्र के जाजंग गांव से 45 मजदूर करीब दो माह पहले ईंट-भट्ठे पर मजदूरी के लिए झारखंड के लातेहर गए थे। इन मजदूरों में महिलाएं और उनके साथ बच्चे भी शामिल थे। इन मजदूरों को वहां बंधक बना लिया गया और प्रताड़ित करना शुरू कर दिया गया था। इस पर मजदूरों ने जांजगीर में दैनिक भास्कर ऐप टीम को एक वीडियो और पत्र वॉट्सऐप के माध्यम से भेजा।
सुविधाएं भी छीनी, महिलाओं से अभद्र व्यवहार
मजदूरों ने वीडियो और पत्र मे बताया है कि ईंट- भट्ठा संचालक गणेश गुप्ता और उसके गुर्गों ने मजदूरी मांगने पर मारपीट शुरू कर दी। मजदूरों को मिलने वाली सुविधाएं छीन लीं। महिलाओं से भी अभद्र व्यवहार कर और उन्हें गालियां देने लगे। ना तो उनके पैसे दिए जा रहे थे और ना ही वापस आने दिया जा रहा था। मजदूरों ने रजिस्टर के पेज पर बकाया रकम का हिसाब लिखकर भी भेजा था।
कलेक्टर को संबोधित वीडियो और पत्र मिलने के बाद दैनिक भास्कर टीम ने जिला प्रशासन से संपर्क किया। उन्हें सारी जानकारी दी। इस पर कलेक्टर और SP ने लातेहर जिला प्रशासन से संपर्क किया। उन्हें मजदूरों की डिटेल मुहैया कराई और उन्हें रेस्क्यू कर भिजवाने के लिए कहा। इसके बाद प्रशासन की टीम ने वहां छापा मारा और बंधक मजदूरों को मुक्त करा घर भेजा।
पूरी रकम नहीं दी, नो ड्यूज पर साइन कराए
जांजगीर पहुंचे मजदूरों ने बताया कि उनके वापसी की प्रक्रिया शुरू हुई तो ईंट-भट्ठा संचालक के गुंडों ने उन्हें डराने-धमकाने का सिसिला शुरू कर दिया। वे चाहते थे कि बचत पैसे ना देने पड़े। भट्ठा संचालक ने उन पर दबाव बनाकर नो ड्यूज में दस्तखत भी करा लिए। जबरदस्ती वीडियो भी बनाया कि पूरी रकम दे दी गई है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.