जिले शासकीय, अशासकीय स्कूलों में अध्ययनरत छठवीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को अब जाति और निवास प्रमाण पत्र के लिए कोर्ट-कचहरी का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। राजस्व विभाग के पटवारी द्वारा अब इन कक्षाओं के विद्यार्थियों का स्कूलों में ही यह प्रमाण पत्र बनाकर देंगे। सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश पर अब स्कूल खुलने के बाद सभी स्कूलों में विशेष अभियान के तहत शिविर का आयोजन किया जाएगा।
सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर स्कूलों में शिविर लगाकर स्थायी जाति और निवास प्रमाण पत्र बनाकर देने का फरमान जारी किया है। लगभग 5 साल पूर्व जाति और निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन ऑनलाइन जमा होने की व्यवस्था शुरू की गई थी, इसके बाद से विद्यार्थियों को च्वाइस सेंटर और लोक सेवा केन्द्रों के चक्कर लगान पड़ रहा है।
इससे विद्यार्थियों को कई दिनों तक तहसील कार्यालयों का चक्कर भी लगाना पड़ता है। इस व्यवस्था से विद्यार्थियों को काफी परेशानी से गुजरना पड़ रहा है, लेकिन नए आदेश के बाद तहसीलों के अधिकारी और कर्मचारी स्कूल खुलते ही प्रमाण पत्र बनाने अभियान चलाएं जाएंगे। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 6 मई को जारी आदेश में कहा है कि विद्यार्थियों को जाति और निवास प्रमाण पत्र समय पर मिलने में कठिनाई हो रही है।
इस कारण अधिकांश विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा, शिक्षा और शासकीय सेवाओं में नियुक्ति के लिए आवेदन पत्र भरने में कठिनाई हो रही है। राज्य शासन ने शिकायतों के बाद यह निर्णय लिया है कि छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय, निजी और केन्द्रीय बोर्ड स्कूलों में कक्षा 8-12 तक पढऩे वाले एसटी-एससी और ओबीसी वर्ग के जाति और निवास प्रमाण पत्र स्कूलों में शिविर लगाकर बनाएं और इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाए।
सभी बीईओ को पहले दिया जाएगा प्रशिक्षण
एसडीएम नंदनी साहू ने बताया कि सबसे पहले सभी बीईओ की बैठक ली जाएगी और पहली से बारहवीं के एेसे बच्चों की जानकारी इकट्ठा की जाएगी जिनका प्रमाण पत्र नहीं बना पाया है उनका आवेदन सीधे स्कूलों से ले लिया जाएगा। साथ ही सभी बीईओ और सम्पलों को ट्रेनिंग दी जाएगी और उन्हें प्रमाण पत्र में लगने वाले दस्तावेजों की पूरी जानकारी दी जाएगी, ताकि कम से कम रिजेक्शन हो। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर पटवारियों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी, साथ ही जरूरत पड़ने का उन्हें स्कूल भी दस्तावेजों को पूरा करने के लिए भेजा जाएगा।
स्कूलों में भी बैठेंगे पटवारी
आय, स्थायी जाति, निवास प्रमाण पत्र के लिए विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को कई बार दस्तावेजों को पूरा करने के लिए पटवारी का चक्कर काटना पड़ता है, लेकिन अब नई व्यवस्था के अनुसार पटवारी स्कूलों के प्राचार्यों व प्रधानपाठकों से समन्वय बनाकर विशेष अभियान तहत के एक तिथि निर्धारित की जाएगी, जहां जरूर पड़ने पर पटवारी स्कूलों में मौजूद रहेंगे। पटवारी की उपस्थिति में आय, स्थायी जाति व निवास प्रमाण पत्र के दस्तावेजों को पूरा किया जाएगा।
स्कूलों में ही करना होगा प्रमाण पत्र वितरित
कुछ साल पहले तहसील कार्यालयों से तहसील अंतर्गत स्कूलों के प्राचार्यों को एसटी-एससी और ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों के जाति और निवास संबंधी दस्तावेज मंगवाए जाते थे और तहसील कार्यालय में प्रमाण पत्र बनाने के बाद वितरण करने के लिए वापस स्कूल भेज दिया जाता था, लेकिन ऑनलाइन आवेदन के नियम के बाद से यह व्यवस्था बंद हो गई थी, मगर अब नए आदेश के बाद प्रमाण पत्र स्कूलों में बनाए जाने के साथ ही तत्काल स्कूल में ही विद्यार्थियों को प्रमाण पत्रों का वितरित भी किया जाना है, ताकि विद्यार्थियों को शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगाने न पड़े।
प्राचार्यों व प्रधानपाठकों को दी जाएगी आईडी
जांजगीर तहसीलदार पवन कोसम ने बताया कि सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के बाद स्कूलों में डाक्यूमेंट का कलेक्शन किया जाएगा। लोक सेवा केंद्र के संचालकों की तरह स्कूल के प्राचार्यों व प्रधानपाठकों को आईडी दी जाएगी। विद्यार्थियों से प्राप्त दस्तावेजों को स्कूल या संकुलों में अपनी आईडी का उपयोग करते हुए सीधे ऑनलाइन आवेदन करेंगे। आवेदन सबमिट करने के बाद वह सीधे तहसीलदार की आईडी में आया गया। तहसीलदार उसे अप्रूप करेंगे और वह आवेदन सीधेे एसडीएम की आईडी में आनलाइन ट्रांसफर हो जाएगा।
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