कोरोना के केस कम होने से लाेग ना सिर्फ पहली डोज लगवाने से दूरी बना रहे हैं, बल्कि सेकेंड डोज लेने के लिए भी या तो समय नहीं मिल रहा है या फिर लगवा नहीं रहे है, अगर केस बढ़ते है तो यह समस्या और भी बड़ी हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग ने 13 लाख 91 हजार 244 लाेगों को कोविड टीका लगाने का लक्ष्य रखा है, जबकि इनमें से 12 लाख 46 हजार 068 लोगों ने ही कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाई है, इस हिसाब से जिले के 1 लाख 45 हजार 176 ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अब तक कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए एक भी डोज नहीं लगवाई है, जबकि 3 लाख 26 हजार 861 की आबादी के लोग साल भर बाद भी दूसरा डोज लगवाने गंभीर नहीं है।
कई राज्यों में संक्रमण फिर फैलना शुरू हुआ है, बावजूद इसके लोग बेपरवाह है। कोरोना की तीसरी लहर की शुरूआत के पहले 26 दिसम्बर 2021 जिले में 57 हजार651 संक्रमित मरीज थे, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर आने के बाद 5659 लोग फिर से कोरोना वायरस की चपेट में आए। हालांकि तीसरी लहर के बीच लगभग 90 प्रतिशत लोगों को कोविड टीका लगा लिया था, जिसके कारण मौतें कम हुई। टीका के कारण कोरोना का असर कम दिखा, पर अब एक बार फिर कोरोना वायरस की चौथी लहर दस्तक दे रही है, फिर भी लोग वैक्सीन लगवाने गंभीर नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 18 प्लस के 12 लाख 3 हजार 147 लोगों को वैक्सीन लगवाने का लक्ष्य रखा है, लेकिन इनमें से 11 लाख 8 हजार 677 लोगों ने ही वैक्सीन की पहली डोज ली है, जबकि केवल 8 लाख 53 हजार 295 ऐसे लोग जिन्होंने वैक्सीन की दूसरी डोज ली हैं, इसी तरह 15 से 18 वर्ष उम्र के 1 लाख 4164 बच्चों को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि इनमें से 93 हजार 684 बच्चों को पहली डोज लगाई गई है।
स्कूल बंद, 12 प्लस के 52 % को नहीं लगी पहली डोज
कोरोना से सुरक्षा के लिए 12 से 14 वर्ष के बच्चे व किशोरों को टीका लग तो रहा लेकिन जिले में इसकी रफ्तार धीमी हो गई है। बच्चों को 16 मार्च से वैक्सीन लगना शुरू हुआ और माना जा रहा था कि 83 हजार 933 का लक्ष्य अप्रैल के पहले पखवाड़े तक पूरा हो जाएगा लेकिन भीषण गर्मी ने इस पर रोक लगा दी है। अब तो स्कूल भी बंद हो गए और जिले में अभी तक सिर्फ लगभग 43 हजार 707 को ही टीका लग पाया है। सेशन साइटों में टीका लगवाने कम लोग ही पहुंच रहे हैं। इससे विभाग की परेशानी बढ़ गई।
प्रिकाशन डोज के लिए स्वास्थ्य कर्मी गंभीर नहीं
स्वास्थ्य विभाग द्वारा 9070 हेल्थ वर्कर और 6230 फ्रंट लाइन वर्करों को प्रिकॉशन डोज लगाने का लक्ष्य रहा है, लेकिन संक्रमण दर घटने के बाद स्वास्थ्य कर्मचारी और फ्रंट लाइन वर्कर भी प्रिकाॅशन डोज लगवाने गंभीर नहीं है। स्वास्थ्य विभाग से मिले के आंकड़ों के अनुसार जिले में 32.26 प्रतिशत अर्थात 2926 हेल्थ वर्करों ने ही प्रिकॉशन डोज लिया है, जबकि 33.24 प्रतिशत अर्थात 2071 फ्रंट लाइन वर्करों ने संक्रमण से बचाव के लिए प्रिकाॅशन डोज लगवाया है।
विशेष टीकाकरण अभियान का भी नहीं दिखा असर
जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार लोगाें को संक्रमण से बचाव और वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया जा रहा है, बावजूद इसके स्थिति जस की तस है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 9 मई से 14 तक विशेष अभियान चलाकर गांव-गांव में विशेष शिविर लगाया और लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित किया गया, लेकिन इसका भी कोई खासा असर नहीं दिखा, महज गिनती के लोग वैक्सीन लगवाने पहुंचे।
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