मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में सभी विधानसभा क्षेत्रों में दौरा शुरू कर दिया है। वे अगले माह जिले के भी दौरे पर आएंगे। इससे पहले ही स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लोगों की समस्याओं का निराकरण के लिए प्राथमिकता तय कर दी गई है। सरकार जब जिले में पहुंचे तो किसी प्रकार की शिकायत उन्हें न मिले यह तैयारी की जा रही है। इसलिए लापरवाही बरतने वालों पर अब सीधे कार्रवाई भी की जाने लगी है। एक ही दिन शुक्रवार को जिले में दो सचिवों की शिकायत मिलने पर जिला पंचायत सीईओ ने न तो उन्हें शोकाज नोटिस दिया और न ही सुनवाई का मौका, सीधे कार्रवाई करते हुए ग्राम पंचायत रोहदा और ग्राम पंचायत रगजा के सचिवों को सस्पेंड कर दिया है।
पंचायत के बजाय घर से काम करने वाले रगजा के सचिव भी सस्पेंड - सक्ती जनपद क्षेत्र की ग्राम पंचायत रगजा के सचिव दुर्गाचरण जायसवाल पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया था कि वे अपनी पंचायत में नहीं आते हैं, जिसके कारण पंचायत कार्यालय बंद रहता है। शिकायत के अनुसार सचिव ग्रामीणों को अपने घर में बुलाते थे।
जिसकी शिकायत सीईओ जनपद से की गई थी। सीईओ जनपद ने शिकायत की जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई। कार्रवाई के लिए उन्होंने प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ को भेजा था। सीईओ जिला पंचायत ने सचिव दुर्गाचरण को सस्पेंड कर दिया है। बताया जा रहा है दुर्गाचरण की स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण वह लंबे समय से इलाज करा रहा है। बहरहाल सीएम के आगमन की सूचना कार्रवाई शुरू होने लगी है।
गांव में नहीं हुआ समाधान, ग्रामीण पहुंचा जनपद शिविर में, बताया सचिव नहीं रहता '
कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने पूर्व में ही सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित कर गांव के लोगों से मिलने वाली शिकायतों का समाधान करने के निर्देश सचिवों व सरपंचों को दिया था। पंचायत में शिविर लगाया गया। बम्हनीडीह जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत रोहदा में भी शिविर लगा था। वहां एक ग्रामीण ने अपनी समस्या का आवेदन दिया था। लेकिन उसका निराकरण ग्राम स्तर के शिविर में नहीं हुआ। शुक्रवार 6 मई को जनपद स्तरीय शिविर का आयोजन किया गया। वहां भी वह ग्रामीण वही शिकायत लेकर पहुंच गया।
शिविर में सीईओ जिला पंचायत गजेंद्र सिंह ठाकुर भी पहुंचे थे। उन्होंने शिकायतकर्ता से पूछा कि इसे उसने गांव में क्यों नहीं दिया। तब उसने बताया कि दिया था लेकिन वहां समाधान नहीं हो सका। निराकरण नहीं होने का कारण पूछने पर उसने बताया कि उस दिन गांव में सचिव प्रमोद कुमार यादव नहीं पहुंचे थे। इसके बाद माइक से सीईओ जिला पंचायत ने संबंधित सचिव को तलब किया। वह वहां भी नहीं था। सीईओ श्री ठाकुर ने डीडीपी अभिमन्यु साहू को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। श्री साहू ने बताया कि उन्होंने बम्हनीडीह सीईओ से पूरी जानकारी लेने के बाद फाइल पुट अप किया। देर शाम सचिव प्रमोद यादव को सस्पेंड करने का पत्र जारी हो गया।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.