क्षेत्र के रेत घाटों से रेत निकालने का कोई समय नहीं है। ठेकेदारों द्वारा दिन रात रेत की निकासी की जा रही है। रेत नदी से निकलने तक तक पानी के कारण गीली रहती है। इसके बाद वह सूख जाती है। हाइवा व ट्रैक्टर्स में बिना तिरपाल ढंके रेत का परिवहन किया जा रहा है। इसके कारण रेत गाड़ियों के चलने पर उड़ती भी है और पीछे बाइक चला रहे लोगों की आंखों में पड़ती है। इसके अलावा सड़क पर भी बड़ी मात्रा में बिखर जाती है, जिससे लोग फिसल भी जाते हैं। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
देवरी के रेत खदान से हाईवा चालक रेत का परिवहन बिना तिरपाल ढंके ही कर रहे हैं। देवरी डेरा से एक किलोमीटर सड़क के बीचों बीच रेत फैली हुई है। हाईवा वाहनों में खुले में रेत का परिवहन करना किसी अप्रिय घटना को बुलावा देना है। लोगों को इस प्रकार के घटना से बचाने के लिए खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है।
डंप करके रखा है सड़क किनारे
ठेकेदार ने नदी से रेत निकालने का ठेका लिया है, लेकिन ठेकेदार द्वारा अवैध रूप से बड़ी मात्रा में रेत को डंप कर के रखा गया है। इसी स्थान से वह गाड़ियों में रेत भरता है। सूखी हुई रेत सड़क पर भी उड़ रही है और लोगों की आंखों में भी पड़ती है।
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