जांजगीर-चांपा में आकाशीय बिजली गिरने से 5 की मौत:मृतकों में 18 साल की युवती भी शामिल, 3 झुलसे, 2 गंभीर; 23 भेड़ें भी मरीं

​​​​​​​जांजगीर-चांपा10 महीने पहले
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छत्तीसगढ़ में शनिवार शाम को अचानक से मौसम ने करवट ली है। इसके बाद जांजगीर-चांपा में अलग-अलग स्थानों पर आकाशीय बिजली गिरने से 5 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 18 साल की एक युवती भी शामिल है। 3 लोग झुलस गए हैं। इनमें से दो महिलाओं की हालत गंभीर बताई जा रही है। उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया है। वहीं पेड़ के नीचे खड़ीं 23 भेड़ें भी मारी गई हैं। चरवाहा बाल-बाल बच गया।

जानकारी के मुताबिक, चांपा क्षेत्र के सिवनी गांव में खेत में काम कर रहे एक ही परिवार के लोग आकाशीय बिजली की चपेट में आ गए। शाम को तेज चमक के साथ बिजली खेत में जा गिरी। इसकी चपेट में आकर विजय कुमार राठौर (45) की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि उसकी पत्नी धनेश्वरी राठौर (38) और मां श्याम कुमारी राठौर (55) गंभीर रूप से झुलस गए। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सभी के शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया गया है।
सभी के शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया गया है।

अकलतरा में भी आकाशीय बिजली गिरने से मुधवा गांव निवासी महेश राम डोंगरे (55) की मौत हो गई। वह अपने बेटा, भतीजा और भाई के साथ खेत में काम कर रहा था। देवकिरारी गांव में भी श्याम कुमारी यादव (18) और अनिल यादव (35) की भी मौत हो गई, जबकि एक झुलस गया। सभी अपने परिजनों के साथ खेत में काम कर रहे थे। इनके अलावा मुलमुला के चोर भट्ठी गांव में दिलीप कुमार (55) की खेत से लौटने के दौरान मौत हो गई है।

पामगढ़ में भेड़ों की बिजली गिरने से मौत हो गई है।
पामगढ़ में भेड़ों की बिजली गिरने से मौत हो गई है।

पामगढ़ में 23 भेड़ों की मौत
दूसरी ओर पामगढ़ क्षेत्र के सेमरिया गांव का किसान दोपहर में अपनी 70 भेड़ों को चराने के लिए खेत लेकर गया था। इसी दौरान बारिश शुरू हो गई। इस पर वह पानी से बचने के लिए भेड़ों को लेकर पेड़ के नीचे खड़ा हो गया। तभी आकाशीय बिजली गिर पड़ी। इसकी चपेट में आकर 23 भे़ड़ों की मौत हो गई। इसके बाद किसान ने पामगढ़ थाने जाकर भेड़ों के मौत की सूचना दी और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।

मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में शनिवार से जमकर बदरा बरस रहे हैं। खासतौर पर मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों के लिए दक्षिण छत्तीसगढ़ के अधिकतर जिलों में भारी बरसात की चेतावनी जारी की है। अगले 24 घंटों में बीजापुर जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बीजापुर जिले में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी से अति भारी वर्षा और वज्रपात की संभावना है। प्रदेश के 7 अन्य जिलों बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा, कोण्डागांव, नारायणपुर, धमतरी और गरियाबंद जिलों में एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा और वज्रपात का येलो अलर्ट भी जारी हुआ है।

भास्कर नॉलेज: 3 लाख किमी प्रति घंटा की रफ्तार से धरती पर गिरती है बिजली; इससे बचने के 6 तरीके

  • सिर के बाल खड़े हो जाएं या झुनझुनी होने लगे तो फौरन नीचे बैठकर कान बंद कर लें। यह इस बात का संकेत है कि आपके आसपास बिजली गिरने वाली है।
  • जहां हैं, वहीं रहे। हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीजें जैसे-लकड़ी, प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें।
  • दोनों पैरों को आपस में सटा लें, दोनों हाथों को घुटनों पर रख कर अपने सिर को जमीन की तरफ जितना संभव हो झुका लें। सिर को जमीन से सटने न दें। जमीन पर कभी न लेटें।
  • बिजली से चलने वाले उपकरणों से दूर रहें, तार वाले टेलीफोन का इस्तेमाल न करें। खिड़कियों, दरवाजे, बरामदे और छत से दूर रहें।
  • पेड़ बिजली को आकर्षित करते हैं, इसलिए पेड़ के नीचे खड़े न हों। समूह में न खड़े रहें, अलग-अलग हो जाएं।
  • घर से बाहर हैं तो धातु से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। बाइक, बिजली के पोल या मशीन से दूर रहें।

क्यों गिरती है बिजली?

आकाशीय बिजली इलेक्ट्रिकल डिस्चार्ज है। ऐसा तब होता है, जब बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं। भारी कण नीचे जमा होते हैं और निगेटिव चार्ज हो जाते हैं। जब पॉजिटिव और निगेटिव चार्ज अधिक हो जाता है तब उस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है। अधिकतर बिजली बादल में बनती है और वहीं खत्म हो जाती है, लेकिन कई बार यह धरती पर भी गिरती है। आकाशीय बिजली में लाखों-अरबों वोल्ट की ऊर्जा होती है। बिजली में अत्यधिक गर्मी के चलते तेज गरज होती है। बिजली आसमान से धरती पर 3 लाख किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से गिरती है।

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