आदिवासी समाज के द्वारा रैली निकालकर कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से बताया कि प्रदेश में आदिवासियों का आरक्षण 12% कम कर देने के कारण आदिवासी समाज आक्रोशित है। न्यायालय ने 2012 से लेकर अब तक कई बार पूर्ववर्ती व वर्तमान सरकार को आरक्षण यथावत रहने के लिए जवाब दावा पेश किया जाता रहा है, लेकिन जवाब दावा प्रस्तुत नहीं करने से आदिवासियों का आरक्षण 12% कम कर दिया गया है।
आदिवासी समाज के लोगों ने अपने ज्ञापन में बताया कि संविधान में कहीं भी 50% से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता, ऐसा उल्लेख नहीं किया गया है। अन्य राज्यों में 50% से अधिक आरक्षण वर्तमान में लागू है। ज्ञापन में आदिवासी समाज के लोगों ने बताया है कि उनका समाज पिछड़ा हुआ है, वर्तमान में 32% आरक्षण नितांत आवश्यक है।
केंद्रीय गोंड़ सगा समाज सक्ती राज की अध्यक्ष विद्या सिदार ने बताया कि आदिवासी समाज को आगे बढ़ाने में आरक्षण की बड़ी भूमिका रही है। इससे समाज आगे बढ़ पा रहा है। आरक्षण नितांत आवश्यक है और पिछड़े समाज को आगे लाने के लिए अति आवश्यक है।
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