बराज के गेट खुले, तो घटने लगा महानदी का जलस्तर:भास्कर ने नदी किनारे कछान में फसल लगाने वाले किसानों की बताई थी समस्या

शिवरीनारायण2 महीने पहले
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बराज के गेट बंद होने के कारण महानदी का जलस्तर लगातार बढ़ गया था, जिससे महानदी के किनारे बसे गांवों के कछारों में लगी फसल बर्बाद हो गई और ज्यादा दूर के गांवों की फसल भी पानी में डूबकर गई। जिन लोगों ने कछार में खेती की उनकी फसल ठीक समय पर पानी में डूब गया। बराज से 17 किमी दूर किसानों ने इसलिए फसल लगाई थी कि वहां तक पानी नहीं पहुंचेगा, लेकिन पानी ने वहां भी फसल को बर्बाद कर दिया है।

इस परेशानी को लेकर दैनिक भास्कर ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की जिसके बाद शिवरीनारायण महानदी के पास बराज का गेट खुलने से जलस्तर कम हुआ है। इससे फसल डूबकर बर्बाद होने से बच गई और किसानों ने राहत की सास ली है।

महानदी के कछार के मीठे व रसीले तरबूज खरबूज राज्य सहित पूरे देश में मशहूर हैं। महानदी के दोनों किनारों में बसे शिवरीनारायण, गिधौरी, थरहीडीह, खोरसी, देवरी, झबड़ी, मड़कड़ा, झबड़ी, धमलपुर, बलौदा, खैरा, पिकरी, छेछर सहित अन्य गांवों के कछारों में तरबूज, खरबूज, खीरा, ककड़ी सहित अन्य सब्जियों की खेती होती है। इनकी सप्लाई प्रदेश सहित देश भर में होती है। धमलपुर, खैरा, बलौदा, झबड़ी, पिकरी व छेछर के किसानों ने उतनी दूर पानी नहीं पहुंचने की आशंका है।

कर्ज लेकर फसल लगाई
किसानों ने बताया कि फसल को डूबता देख परेशान थे। दैनिक भास्कर ने 25 मार्च को पानी से बचाने बराज से 17 किलोमीटर दूर लगाई फसल फिर भी दर्शन भर गांवों के किसानों की डूब गई पूरी फसल शीर्षक के साथ प्रमुखता से खबर प्रकाशित की। साथ ही किसानों को होने वाले नुकसान और परेशानियों के बारे में बताया। जिसके बाद मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया और उच्च अधिकारियों ने बराज का गेट खोलने अधिकारियों को निर्देशित किया। रविवार देर शाम शिवरीनारायण बराज का 32 नम्बर गेट खोला गया। इससे नदी का जलस्तर घटा।

किसानों ने जताई खुशी: बराज के गेट बंद होने से महानदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था। जलस्तर बढ़ने से आस पास के गांवों के किसानों की फसल पूरी तरह डूबकर बर्बाद गई। खैरा, धमलपुर के भी निचले हिस्सों में लगी फसल डूब गई। जल स्तर बढ़ जाने के कारण उपरी हिस्सों में किसानों द्वारा लगाई गई फसल भी डूब रही थी। लेकिप अब वहां जल स्तर कम होने लगा है। डूबती फसल बच गई। जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली है। किसानों ने दैनिक भास्कर का आभार जताया है।