स्वास्थ्य विभाग:पहली बार ब्रेस्ट में हाइडैटिक सिस्ट की मरीज मिली, डॉक्टरों ने बचाई जान

जशपुरनगर11 दिन पहले
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जिला अस्पताल में एक महिला  मरीज में बेहद दुर्लभ बीमारी का पता  चला है। - Dainik Bhaskar
जिला अस्पताल में एक महिला  मरीज में बेहद दुर्लभ बीमारी का पता  चला है।

जिला अस्पताल में एक महिला मरीज में बेहद दुर्लभ बीमारी का पता चला है। ग्राम टांगरटोली से पहुंची एक महिला के ब्रेस्ट में हाइडैटिक सिस्ट पाया गया है। पूरे विश्व में हाइडैटिक सिस्ट के 100 मरीजों में सिर्फ 0.2 प्रतिशत मरीज ब्रेस्ट हाइडैटिक सिस्ट के मिलते हैं। आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले के गांव से इस बीमारी की मरीज सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों की जांच को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है।

ग्राम टांगरटोली की 27 वर्षीय एक महिला मरीज कुछ दिन पहले लेफ्ट ब्रेस्ट में गठान की शिकायत लेकर पहुंची थी। डॉक्टरों ने जब जांच की तो पाया कि ब्रेस्ट में 5 सेमी से बड़ा गठान हो चुका है। जिसे ठीक करने के लिए सर्जरी की जरूरत महसूस की गई। जिला अस्पताल के सर्जन डॉ भूपेश भगत, एनेस्थेसिया डॉ संदीप भगत, स्टाफ नर्स संगीता, संजीता, ऑटो टेक्नीशियन संजीव, वार्ड ब्वॉय सुरेन्द्र की टीम द्वारा महिला के स्तन की गांठों का ऑपरेशन किया गया।

ऑपरेशन के दौरान जब सिस्ट बाहर निकाला गया तो पता चला कि महिला के स्तन में हाइडैटिक सिस्ट था। यह बेहद रेयर होता है। डॉक्टरों ने बताया कि शरीर के कुछ अन्य आंतरिक अंगों में हाइडैटिक सिस्ट का होना ही अपने आप में दुर्लभ बीमारी है। स्तन में हाइडैटिक सिस्ट के मरीज अबतक गिनती के ही मिल पाए गए हैं।

जानिए... क्या है हाइडैटिक सिस्ट

हाइडैटिक सिस्ट (सिस्टिक इचिनोकोकोसिस) सेस्टोड के लार्वा चरण द्वारा एक पुराना परजीवी संक्रमण है। जिसके परिणाम स्वरूप जानवरों और मनुष्यों में सिस्टिक घाव का विकास होता है।

इस गंभीर बीमारी से बचाव के लिए डॉक्टरों की यह सलाह
डॉ भूपेश भगत ने बताया कि हाडडैटिक सिस्ट जैसी दुर्लभ व गंभीर बीमारी से बचाव का सीधा का तरीका किसी भी खाद्य पदार्थ को अच्छी तरह से पकाकर खाना चाहिए। यदि साग-सब्जियां भी खा रहे हैं तो उन्हें अच्छी तरह से पकाकर सेवन करें। कच्ची सब्जियां खाना खतरनाक हो सकता है। इसी तरह मांस भी अच्छी तरह से पकाकर खाना चाहिए।

सबसे ज्यादा यह बीमारी लीवर में हाेती है
हाइडैटिक सिस्ट की बीमारी वैसे तो दुर्लभ बीमारियों में से एक है। यह बीमारी सबसे ज्यादा 60 प्रतिशत लीवर में होती है। इसके अलावा 30 प्रतिशत हाइडैटिक सिस्ट फेफड़ों में होती है। ब्रेस्ट में हाइडैटिक सिस्ट के होने की संभावना सिर्फ 0.2 प्रतिशत तक होती है।

कुत्तों के मल से फैलती है हाईडैटिक सिस्ट बीमारी
जिला अस्पताल के सर्जन डॉ. भूपेश भगत ने बताया कि हाइडैटिक सिस्ट कुत्तों के मल के जरिए होती है। यदि कुत्ते का मल फल या साग सब्जियों पर लगा हो और उसे कोई इंसान खा लेता है तो उसमें हाइडैटिक सिस्ट होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। इसी तरह यदि घांस व चारे पर कुत्ते का मल लगा हो और उसे कोई जानवर जैसे बकरे-बकरी, गाय, सुअर जैसे जानवर खा लें तो जानवरों में यह बीमारी होती है। संक्रमित जानवर का मांस यदि कोई इंसान खा ले तो वह हाइडैटिक सिस्ट का मरीज हो जाता है।

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