बगीचा थाने के गायलूंगा शुक्रवार में बाइक सवार दो बदमाशों ने 62 साल की महिला पर गोली चलाकर बाइक से फरार हो गए थे। इसके बाद जिले से सीआरपीएफ की बटालियन को जिले से हटाने का मामला फिर से गर्मा गया। बीजेपी के पूर्व मंत्री व जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत गायलूंगा पहुंचे।
उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार पर जिले की सुरक्षा से खिलवाड़ का आरोप लगाया। बताया कि ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर जशपुर जिले में स्थापित 81 वीं बटालियन सीआरपीएफ को जशपुर से हटाकर तेलंगाना स्थानांतरित करने पर रोक लगाने की मांग की है, फिर भी छत्तीसगढ सरकार यहां से बटालियन भेज रही है।
पूर्व मंत्री ने पत्र में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा पर स्थित जशपुर जिला दो राज्यों झारखंड और ओडिशा से लगा हुआ है। साथ ही झारखंड व ओडिशा के जंगल जशपुर जिले के जंगलों से मिले हुए हैं, जिसके कारण नक्सल गतिविधियों के कारण जशपुर जिले में पिछले कई वर्षों से अशांति का माहौल था। आए दिन नक्सल गतिविधियों के कारण जशपुर जिले में रहने वाले 60% से भी अधिक जनजातीय समाज का तथा अन्य वर्ग के लोगों का जीना दूभर हो गया था। जशपुर जिले में नक्सलियों का ख़ौफ़ इस कदर था कि यहां के निवासियों के जीवनयापन का एक मात्र आधार साप्ताहिक बाजार भी बंद होने लगा था और नक्सल गतिविधियों के कारण जशपुर जिले में अन्य राज्यों से आने वाले व्यापारियों का आना जाना बंद हो गया था। जिले से सीआरपीएफ की बटालियन को हटाने को लेकर इससे जशपुर जिले में लोगों को रोष व्याप्त है। पड़ोसी राज्य में नक्सली गतिविधि जारी है।
नगरपालिका जशपुर की पूर्व उपाध्यक्ष प्रियवंदा सिंह जूदेव ने कहा कि ओडिशा और झारखंड की अंतरराज्यीय सीमा से लगे इलाके में आए दिन नक्सली और आपराधिक संगठनों की हलचल की खबरें आती रहती है। जिले से लगे हुए सरगुजा और बलरामपुर जिले में भी नक्सल संगठनों की हलचल बनी हुई है। सीआरपीएफ की तैनाती की वजह से ये संगठन अब तक जिले में घुसपैठ नहीं कर पा रहे थे। अब बल की रवानगी शुरू होने से जिले में फिर से लाल आतंक का खतरा बढ़ने लगा है।
जशपुर विधायक विनय भगत ने बताया कि हम मुख्यमंत्री से मांग कर चुके है उन्होंने बताया कि जिले की जनता चाहती है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनी रहे एवं किसी भी प्रकार से कोई घटना न घटे। सीआरपीएफ के होने के कारण नक्सली गतिविधियों में कमी आई और जशपुरवासी स्वयं को सुरक्षित महसूस करते थे, पर पिछली सरकार में जशपुर को नक्सलमुक्त जिला घोषित करते हुए सीआरपीएफ 81 बटालियन हटाने का निर्णय लिया है, जिससे जशपुर जिले में लोगों को आक्रोश व्याप्त है।
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