पति की लंबी आयु की कामना को लेकर महिलाओं ने गुरूवार को दिनभर निर्जला व्रत रखा और शाम चंद्रोदय के वक्त पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोला। शहर में करवा चौथ का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस वर्ष आसमान में घने काले बादलों के छाने की वजह से शहर में महिलाएं चंद्रदर्शन नहीं कर सकीं। जिले के अन्य इलाकों में भी चंद्रदर्शन में बादल बाधा बने।
करवा चौथ के मौके पर बुजुर्ग महिलाओं ने गुरूवार की सुबह बहुओं को जगाया और उन्हें सरगी कराई। सास ने अपनी बहुओं को नए वस्त्र, श्रृंगार सामग्री व मिठाइयां देकर अपना पूरा प्रेम बहुओं पर न्योछावर किया। सरगी के बाद से सुहागिनों का निर्जला व्रत शुरू हो गया। बिना अन्न-जल के दिन भर विवाहित महिलाओं ने कठिन व्रत रखा। शाम को उन्होंने सोलह श्रृंगार किया।
इसके बाद प्रथम पूज्य भगवान गणेश व करवा माता की पूजा-अर्चना की। इस वर्ष करवा चौथ के दिन मौसम साफ नहीं होने की वजह से चांद के दर्शन में महिलाओं को दिक्कत आई। रश्म निभाते हुए महिलाओं ने छत पर जाकर छलनी से चांद को देखकर अर्घ्य दिया और इसी छलनी से चांद के दर्शन के बाद पति के दर्शन भी किए। इसके बाद पति के हाथों से ही पानी पीकर व्रत खोला।
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