छ्त्तीसगढ़ के कांकेर जिले में इन दिनों जंगली जानवरों का खौफ बढ़ता जा रहा है। दिवाली की रात कांकेर जिले के 2 अलग-अलग गांवों में कुल 4 तेंदुए देखे गए हैं। तेंदुए सड़क किनारे बैठे रहे। राहगीरों ने तेंदुओं की तस्वीर अपने मोबाइल में कैद की है। इसकी जानकारी वन विभाग की टीम को भी दी गई है। बताया जा रहा है कि, तेंदुए अभी भी गांव के आस-पास में ही है। दहशत की वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
दरअसल, कांकेर जिला मुख्यालय से महज 5 किमी दूर नरहरपुर मार्ग में स्थित डुमाली गांव के पास 24 अक्टूबर की देर रात कुल 3 तेंदुए देखे गए हैं। जबकि, सिदेसर गांव के पास भी एक तेंदुआ नजर आया है। इन दोनों गांव में दहशत का माहौल है। बताया जा रहा है कि, डुमाली गांव में सड़क किनारे तेंदुए बैठे हुए हैं। इस मार्ग से गुजर रहे एक राहगीर को सड़क किनारे कुछ चहलकदमी होती हुई नजर आई तो उसने अपनी कार रोकी।
फिर कार की लाइट सड़क किनारे की तो वहां 3 तेंदुए बैठे हुए थे। जिसके बाद उसने तेंदुओं की फोटो अपने कैमरे में कैद की। फिर गांव के ग्रामीणों को सड़क किनारे 3 तेंदुओं के बैठे होने की जानकारी दी। ग्रामीणों ने इस बात की सूचना वन विभाग के कर्मचारियों को दी। इधर, गांव के नजदीक तेंदुओं के दल को देखकर ग्रामीण काफी डरे हुए हैं। साथ ही महिला और बच्चों को घरों से बाहर निकलने से मना किया है।
मवेशियों को भी घर के अंदर बांध लिया गया है। किसी भी ग्रामीण को पैदल, साइकिल या फिर दोपहिया वाहनों से सड़क से आने-जाने के लिए मना किया जा रहा है। इसके अलावा पास के ही एक गांव सिदेसर में भी तेंदुआ देखा गया है। वहां के ग्रामीण भी काफी डरे हुए हैं। फिलहाल इन दोनों गांवों में तेंदुओं के झुंड ने किसी भी ग्रामीण या मवेशी को नुकसान नहीं पहुंचाया है।
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