सीएसईबी कॉलोनी कोरबा पूर्व की कॉलोनी को सुरक्षित रखने के लिए अब एंट्री पॉइंट निर्धारित की जा रही है। वीआईपी रोड और एनसी क्वार्टर क्षेत्र के दो मार्गों को बाउंड्रीवॉल बनाकर बंद किया जा रहा है। इसके बाद आगे भी सर्वे कर मार्ग को बंद किया जाएगा।
सीएसईबी कॉलोनी 40 साल पुरानी है। यहां अधिकारी-कर्मचारियों के लिए 2 हजार आवास हैं। कॉलोनी का क्षेत्र चारों तरफ से खुला हुआ है। निहारिका, कोसाबाड़ी, वीआईपी रोड और कलेक्टोरेट के सामने से किसी भी तरफ से लोग कॉलोनी में घुस जाते हैं। 10 साल पहले कॉलोनी के रोड को ही बुधवारी से आईटीआई के बीच वीआईपी रोड बनाया गया, जो कॉलोनी के भीतर से ही होकर गुजरती है। इसी वजह से कई बार चोरी की वरदात भी होती है। असामाजिक तत्व कॉलोनी के भीतर घुसकर नशाखोरी भी करते हैं। इसके लिए ही 5 साल पहले
कॉलोनी में ही वितरण कंपनियों के दफ्तर भी
कॉलोनी के भीतर ही वितरण कंपनी के दफ्तर हैं। इससे भी यहां बाहर के लोगों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन जहां इंजीनियर रहते हैं, उस क्षेत्र में आसपास की बस्तियों के लोग घुस आते थे, इसकी वजह से अधिकारी परिवारों को असुरक्षा की भावना थी। कबाड़ चोर भी क्षेत्र में सक्रिय थे।
सड़क मार्ग को बंद करने लोकेशन देख रहे हैं: ईई
बिजली उत्पादन कंपनी सिविल विभाग की कार्यपालन अभियंता मंजू चौहान ने बताया कि अभी 4 मार्गों को बंद कर रहे हैं। एंट्री पॉइंट बनाने के लिए लोकेशन देख रहे हैं। जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन ने कॉलोनी को सुरक्षित रखने के लिए मांग की थी।
428 मकान कंडम घोषित तोड़ने का लिया निर्णय
कॉलोनी के पुराने 428 आवासों को कंडम घोषित किया गया है। मकानों को तोड़ने का भी निर्णय लिया है। सुपर एफ श्रेणी के आवास खस्ताहाल हो गए हैं। आए दिन सज्जा का प्लास्टर गिरने की शिकायत आती रहती है। इसी वजह से उन मकानों को तोड़ने की तैयारी है।
कॉलोनी के आवासों में बाहरी लोगों का भी कब्जा
सीएसईबी प्रबंधन ने पुराने क्षेत्र के मकानों को तो छोड़ दिया है, लेकिन निहारिका, कोसाबाड़ी और जिला पंचायत के सामने कॉलोनी में पान ठेले, सब्जी वाले और कई प्राइवेट लोग अनाधिकृत रूप से रह रहे हैं। कई लोग तो किराए में देकर छोड़ दिए हैं। इसकी वजह से भी कॉलोनी में बाहरी लोगों की आवाजाही रहती है।
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