बोर्ड की परीक्षा हो और सवाल ही गलत पूछा जाए तो भला परीक्षार्थी क्या जवाब लिखेंगे। ऐसे सवालों से वे मेधावी छात्र जो प्रदेश की मेरिट लिस्ट के दावेदार होते हैं, उन पर सीधा असर होता है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। इसके लिए तो त्रुटिपूर्ण प्रश्न पत्र तैयार करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह की गलतियां न हो, जिससे कि परीक्षार्थियों काे प्रभावित होना पड़े।
इस तरह का मामला 13 मार्च, सोमवार को माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित 10वीं की बोर्ड परीक्षा में सामने आया है। विज्ञान विषय का सवाल गलत होने पर उसे हल करने वाले परीक्षार्थियों को बोनस नंबर दिया जाना चाहिए, ऐसा जानकारों का कहना है। ऐसी मांग स्कूलों के विषय शिक्षकों के साथ परीक्षा देने वाले छात्रों की ओर से भी उठने लगी है।
सवाल क्रमांक-11 में पूछा गया है कि निम्न जोड़ों में से उस तत्व को पहचानिए जिसका परमाणु आकार बड़ा है तथा इसका कारण भी लिखिए? जिसमें मैग्नीशियम का परमाणु संख्या 12 और क्लोरीन का 7 प्रकाशित हुआ था।
परीक्षार्थियों को मिलना चाहिए बोनस अंक
सरस्वती हायर सेकंडरी स्कूल में शिक्षक संस्कार श्रीवास्तव ने बताया कि गलत सवाल पर परीक्षार्थियों को बोनस अंक मिलना ही चाहिए। उन्होंने बताया कि बी सेट पाने वाले परीक्षार्थियों को त्रुटिपूर्ण सवाल के कारण भ्रमित होना पड़ा है। यह माध्यमिक शिक्षा मंडल की लापरवाही भी है, क्योंकि भाषाई त्रुटि से गलती हो सकती है लेकिन यहां तो अंग्रेजी व हिंदी दोनों भाषा में पूछे गए सवाल में क्लोरीन का परमाणु संख्या 7 ही प्रकाशित की गई है, जो गलत है।
96 प्रतिशत परीक्षार्थी परीक्षा में रहे उपस्थित
सोमवार को हुई 10वीं की विज्ञान विषय की परीक्षा में 13756 परीक्षार्थी शामिल हुए, जबकि परीक्षा के लिए 14243 छात्रों ने पंजीयन कराया है। इस तरह विज्ञान विषय की परीक्षा 96 प्रतिशत परीक्षार्थियों ने दिया है। जबकि 487 परीक्षार्थियों ने परीक्षा से दूरी बनाए रखे। वे केन्द्र पहुंचे ही नहीं। ऐसे में बीट सेट प्राप्त करने वाले अधिकांश परीक्षार्थियों को इससे परेशानी हुई होगी।
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