परिवहन नगर में मुख्य मार्ग व अंदरूनी मार्ग के संपत्ति कर का निर्धारण अव्यवहारिक रूप से करने की शिकायत का 10 साल बाद भी निराकरण नहीं हुआ है, बल्कि शिकायतकर्ता काे ही अधिकारी गलत ठहरा रहे हैं। शहर के परिवहन नगर के इंदिरा व्यवसायिक सह आवासीय परिसर में प्रेमजी भाई पटेल रहते हैं। उन्हाेंने महापाैर राजकिशाेर प्रसाद काे लिखित आवेदन देकर शहर में अव्यवहारिक संपत्ति कर निर्धारण की शिकायत की है।
उनके मुताबिक इंदिरा व्यवसायिक सह आवासीय परिसर में उनके भूखंड क्रमांक-455 का अव्यवहारिक संपत्ति कर निर्धारण काे लेकर वे करीब 10 साल से व्यक्तिगत व पत्राचार के माध्यम से निगम के अधिकारियाें काे जानकारी दी। 31 अक्टूबर 2011 काे नगर निगम के सामान्य सभा में प्रस्ताव भी लाकर विधिवित निर्णय लेने काे कहा गया, लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारियाें ने ध्यान नहीं दिया, बल्कि उन्हें गलत ठहराते हुए गत फरवरी में इस विषय पर उनका पक्ष सुनने के बाद फिर आवेदन देने की सलाह दी, लेकिन इसके बाद भी उनके पत्र पर किसी तरह का जवाबी पत्राचार किए बिना एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए परिवहन जाेन के उप प्रभारी ने डिमांड जारी कर दिया। प्रेमजी भाई के मुताबिक नगर निगम द्वारा मुख्य मार्ग व अंदरूनी मार्ग से प्रति वर्गफुट निर्धारण में एकरूपता नहीं है। प्रेमजी भाई ने इसमें संपदा अधिकारी बनाफर की भूमिका काे लेकर सवाल उठाया है।
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