कार्यक्रम:समस्या निवारण व नवाचार की दी जानकारी

कोरबा4 महीने पहले
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जिला स्तरीय दस दिवसीय वातावरण निर्माण पर प्रारंभिक स्तर कक्षा शिक्षकों का सांकेतिक भाषा ब्रेल लिपि श्रवण बाधित, दृष्टिबाधित, वाणी वाधित बच्चों की शिक्षा में आ रही भाषाई और संप्रेषण बाधाओं को कक्षा प्रबंधन शिक्षण सामग्री से समस्याओं के निवारण व नवाचार के माध्यम से शिक्षित करने की जानकारी दी।

बीआरसी भवन खरमोरा में आयोजित कार्यक्रम में 120 प्राथमिक माध्यमिक स्तर शालाओं के शिक्षक शामिल हुए। कार्यशाला समावेशी शिक्षा आधारित प्रशिक्षण का आयोजन कराया जा रहा है। इसमें राज्य व जिला के विभिन्न मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें दिव्यांगता आधारित शिक्षा प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, ताकि प्रशिक्षण के बाद विद्यालय में शिक्षारत दिव्यांग बच्चों को उनके दिव्यांगता पर आधारित शिक्षा प्रदान कर सके और शिक्षा के अधिकार अधिनियम अंतर्गत नवीन शिक्षा नीति का उद्देश्य पूरा हो सके।

राज्य स्तर मास्टर ट्रेनर पदमा शर्मा, रायपुर ने विभिन्न वैज्ञानिक, मनोवैज्ञानिक तरीकों से प्रशिक्षित किया। शिविर में पद्मिनी साहू सांकेतिक भाषा अनुवादक विभिन्न संकेतों के माध्यम से शिक्षकों को प्रशिक्षण देकर अंतरमन के भावों को व्यक्त करने का तरीका बताया। मोहम्मद जावेद अख्तर समावेशी शिक्षक कार्यशाला की रूपरेखा के बारे में प्रकाश डालते हुए उद्देश्य का समझाया।

इस दौरान ज्वाला सिंह सोलंकी, अरुणा शर्मा, माधुरी मोहन सहित समावेशी शिक्षा के शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे। कार्यशाला को आई स्पेशलिस्ट डॉ. रामकिशोर शांडिल्य (एमएस), दृष्टि दिव्यांग शिक्षक रामकुमार देवांगन, विशेष शिक्षक पदमा शर्मा, पद्मिनी साहू अनुवादक भारतीय सांकेतिक भाषा विशेष रूप से शामिल रहे।

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