रेलवे प्रशासन को अब यात्रियों की परेशानी से कोई लेना देना नहीं रह गया। मंगलवार को शिवनाथ एक्सप्रेस व छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस के यात्रियों के साथ साबित हुआ। रेलवे स्टेशन पर अपनी ट्रेन का इंतजार यात्री करते रहे पर उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई कि उनकी गाड़ी कितने घंटे देरी से जाएगी। इंतजार करते करते यात्रियों को रात में साढ़े 5 घंटे तक स्टेशन में बिताना पड़ा, उसके बाद जब स्टेशन पर गाड़ी आई और रवाना हुई, तब जाकर राहत मिली।
उधर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में मंगलवार को ही एसी कोच में टिकट ले रखे लोगों को ऐन टाइम पर यह मैसेज रेलवे की ओर से भेजा गया कि सफर में उन्हें बेडरोल नहीं मिलेगा। जिन लोगों ने समय पर मैसेज देख लिए वे तो तैयारी से पहुंचे, लेकिन जिन्होंने मैसेज नहीं देखा वे बिना तैयारी स्टेशन पहुंचे और ट्रेन में सफर शुरू करने के साथ ही बेडरोड मांगने लगे। तब उन्हें पता चला कि बेडरोड नहीं मिलेगा। यह सुनते ही अधिकांश यात्रियों के होश उड़ गए। ठंड में लंबी दूरी तय करने वाले लोगों ने इसकी शिकायत करनी शुरू कर दी थी। हालांकि उन्हें बिलासपुर पहुंचने पर राहत मिल गई थी।
गाड़ी संख्या 18239 शिवनाथ एक्सप्रेस का विलंब से चलना कोई नई बात नहीं है। विलंब से चलने की सूचना यात्रियों को दी जाती रही है, लेकिन मंगलवार को कोरबा से इतवारी जाने वाली इस गाड़ी के आने की सूचना यात्रियों को नहीं दी गई। शहर समेत कटघोरा व उपनगरीय क्षेत्रों के यात्री जिन्होंने नागपुर जाना था वे अपने समय पर कोरबा रेलवे स्टेशन 5.30 बजे शाम को पहुंच गए, जहां पता चला कि उनकी गाड़ी अभी बिलासपुर से आई ही नहीं है।
यह जानकारी नहीं दी गई कि कब तक आएगी। यात्रा करने की मजबूरी में लोग प्लेटफार्म पर बैठे इंतजार करते रहे। रात 11.10 बजे शिवनाथ एक्सप्रेस का रैक कोरबा पहुंचा। शाम 6.15 बजे की ट्रेन रात 11.40 बजे यहां से इतवारी के लिए रवाना हो पायी। रेलवे की माने तो शिवनाथ एक्सप्रेस नागपुर से ही देरी बिलासपुर पहुंची थी, जिसके कारण समय से कोरबा नहीं आ पाई थी। देर रात रैक को कोरबा भेजा गया तब जाकर लोग यात्रा शुरू कर पाए।
ठंड में प्लेटफार्म पर बिताने पड़ गए 5.30 घंटे
कटघोरा निवासी संतोष पटेल परिवार के साथ नागपुर जा रहे थे। शिवनाथ एक्सप्रेस में सफर करने के लिए वे कटघोरा से 4 बजे निकल गए थे, ताकि किसी तरह की कोई समस्या न हो और आराम से स्टेशन पहुंच जाएं। उन्होंने बताया कि कटघोरा से निकलने के पहले रेलवे स्टेशन की इन्क्वायरी से जानकारी लिए थे, तब उन्हें गाड़ी के समय पर चलने की सूचना दी गई। जिसके कारण उन्हें स्टेशन में परिवार के साथ ठंड में 5.30 घंटा व्यतीत करना पड़ा।
शिकायत करने के बाद यात्रियों को मिला बेडरोल
गाड़ी संख्या 18237 कोरबा-अमृतसर छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में एसी-3 टायर में टिकट बुक कराने वाले राज चोपड़ा ने बताया कि उन्हें भोपाल जाना था। अभी जब सब कुछ सामान्य तो कोच में बेडरोल नहीं देने की सूचना जारी करने की बात समझ में नहीं आई। उन्हें यात्रा के दौरान पता चला कि बेडरोल नहीं मिलेगा, तब वे रेलवे के अधिकारियों से शिकायत करते रहे, काफी जद्दोदजहद के बाद बिलासपुर पहुंचने पर अंतत: बेडरोल दिया गया।
बिलासपुर में दिया बेडरोल
एसईसीआर बिलासपुर के सीपीआरओ साकेत रंजन ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सफर करने वाले यात्रियों को किसी कारण से कोरबा में बेडरोल नहीं दिया था, इसकी सूचना समय पर दी गई थी। लेकिन तकनीकी समस्या को दूर करने के साथ ही यात्रियों को ट्रेन के बिलासपुर पहुुंचने पर बेडरोल उपलब्ध करा दिया गया था।
9 घंटे हुई री-शेड्यूल
मंगलवार को समय पर नहीं चलने के कारण शिवनाथ एक्सप्रेस बुधवार को सुबह 4 बजे के स्थान पर 11.47 बजे इतवारी पहुंची। जिसके कारण यह रैक बिलासपुर अपने तय समय पर नहीं आया। रेलवे से मिली सूचना के अनुसार बुधवार को कोरबा से इतवारी रवाना होने वाली इस गाड़ी को 9 घंटे रीशेड्यूल किया गया है। बिलासपुर 08212 पैसेंजर बनकर दोपहर 2.50 बजे कोरबा के लिए रवाना होने वाली यह गाड़ी बुधवार को रात 11.50 बजे छूटेगी। जिसके चलते बुधवार को भी शिवनाथ एक्सप्रेस कोरबा से 9 घंटे देरी से शिवनाथ बनकर चलेगी।
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