खदान बंद करने की चेतावनी:विस्थापितों ने गेवरा हाउस को घेरा, विरोध में लगाए नारे

कोरबा7 महीने पहले
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गेवरा हाउस के बाहर प्रदर्शन करते हुए भू-विस्थापित। - Dainik Bhaskar
गेवरा हाउस के बाहर प्रदर्शन करते हुए भू-विस्थापित।

एसईसीएल के सीएमडी डाॅ. प्रेमसागर मिश्रा जिले के खदानाें का निरीक्षण कर रहे हैं। इसी कड़ी में सीएमडी गुरुवार काे सीएमडी गेवरा क्षेत्र पहुंचे, लेकिन सीएमडी के दाैरे की सूचना पर छत्तीसगढ़ किसान सभा व भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भू-विस्थापित गेवरा हाउस पहुंच गए और यहां सीएमडी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गेवरा हाऊस के बाहर घेराव व प्रदर्शन करने लगे।

एसईसीएल के गेवरा हाउस में किसान सभा के नेतृत्व में भू विस्थापित रोजगार, पुनर्वास, बसावट की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे। गेवरा हाउस के अंदर सीएमडी, डीटी के अलावा सभी क्षेत्र के महाप्रबंधक के साथ बिलासपुर से आए कई अधिकारी शामिल हुए। भू-विस्थापित करीब एक घंटे तक गेवरा हाऊस के बाहर नारेबाजी व प्रदर्शन करते रहे।

अधिकारियों के समझाइश के बाद भी जब भू-विस्थापित पीछे हटने तैयार नहीं हुए ताे सीएमडी प्रेम सागर मिश्रा ने एक प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया, जिसमें किसान सभा के प्रतिनिधि प्रशांत झा,जवाहर सिंह कंवर, दामोदर श्याम, रघु यादव, गुलाब, अमृत बाई, शिवदयाल,दीनानाथ,बसंत चौहान, जय कौशिक ने सीएमडी को 20 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। इस पर सीएमडी ने भू-विस्थापितों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और समस्याओं के समाधान के लिए 7 नवंबर को सीएमडी कार्यालय में बैठक का आश्वासन दिया।

काेयला उत्पादन में तेजी लाने की काेशिश में जुटा प्रबंधन
एसईसीएल काे काेयला उत्पादन का टारगेट पूरा करने के लिए अब पांच महीने बचे हैं। कंपनी काे 182 मिलियन टन का टारगेट है, जबकि अभी तक 73 मिलियन टन काेयला उत्पादन हुआ है। प्रबंधन के समक्ष अभी भी 109 मिलियन टन काेयला उत्पादन करना बाकी है। इस चुनाैती से निपटने के लिए जिले के मेगा परियोजनाओं से उम्मीद है। उसे देखते हुए अधिकारियों का यहां दाैरा हाे रहा है। दीपका खदान से अब तक 11.35 मिलियन टन, गेवरा खदान से 24.78 मिलियन टन, कुसमुंडा परियाेजना से 16 मिलियन टन और काेरबा एरिया से 4.46 मिलियन टन काेयला उत्पादन हुआ है।

प्रबंधन की गलत नीतियाें से प्रभावित भटक रहे: प्रशांत
किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन की गलत नीतियों के खिलाफ संघर्ष करने का फैसला किया है। पदाधिकारियाें ने कहा कि किसान सभा भूविस्थापितों की मांगो पर चल रहे संघर्ष में हर पल उनके साथ खड़ी रहेगी। रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव, दामोदर श्याम,रघु यादव किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर, जय कौशिक ने कहा कि एसईसीएल की नीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ने का समय आ गया है। किसान सभा ने समस्याओं के समाधान नहीं होने पर 1 नवंबर को काला दिवस मनाने का निर्णय लिया है।