कोरबा जिले के ग्राम बनिया में बेबी एलीफेंट को मारकर खेत में दफनाए जाने के मामले में नाबालिग समेत 12 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि मुख्य आरोपी कमलभान उर्फ कोमल सिंह (51 वर्ष) अभी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है। कमलभान सिंह स्थानीय जनपद पंचायत सदस्य है। मामला पसान वन परिक्षेत्र का है।
इधर मुख्य आरोपी का वनकर्मियों को धमकाने का एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है। कमलभान उर्फ कोमल सिंह ने धमकी दी थी कि अगर हाथी फसलों को नुकसान पहुंचाएंगे, तो वो इस इलाके को हाथी विहीन कर देगा। वो सारे हाथियों को मार डालेगा। उसने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों पर तमाम आरोप भी लगाए थे। फिलहाल कोमल सिंह फरार है, जिसकी तलाश वन विभाग की टीम कर रही है।
वायरल ऑडियो में मुख्य आरोपी वनकर्मियों को धमकाते सुना जा सकता है, जिसमें वो कह रहा कि हाथी से मरने वाले लोगों के परिजनों को 6 लाख मुआवजा देते हो। अगर एक हाथी मारोगो तो हम 8 लाख रुपए देंगे। इस क्षेत्र को हाथी विहीन कर देंगे। वहीं गिरफ्तार आरोपियों में महाबलेश्वर सिंह (53), लखेश्वर प्रताप सिंह (32), जगदीश चंद्रमणि (57), उदय कुमार (45), धनसिंह (40), कृपाल कुमार (28), सूरज कुमार (31), राजेंद्र राम (35), घूरनदास (35), जगत श्रीवास (40) शामिल हैं। इनके अलावा 16 साल के एक नाबालिग आरोपी को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 9, 39 (1) घ, 2 (14) एवं 16 ग, 50, 51 के तहत केस दर्ज किया गया है। सभी को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
जहर देकर हाथी के शावक को मारने की बात आ रही सामने
जानकारी मिल रही है कि 18 अक्टूबर की रात हाथी के दो साल के शावक को महुआ और धान में कीटनाशक जहर मिलाकर खिलाया गया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। आरोपियों ने उसे वहीं दफन कर दिया था और उसके ऊपर धान की फसल लगा दी थी। मामला उजागर होने के बाद बिलासपुर से वन विभाग के अधिकारी और डॉग स्क्वॉड की टीम पहुंची हुई थी। हालांकि वन विभाग के अधिकारी अभी मौत की सही वजह नहीं बता रहे हैं, लेकिन शॉर्ट पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से जहर देने का खुलासा हुआ है।
कटघोरा उपमंडलाधिकारी संजय त्रिपाठी के नेतृत्व में वन अधिकारियों और कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर जब जांच की, तो जानकारी मिली थी कि गांव के एक दर्जन से अधिक आरोपियों ने मृत हाथी को चोरी-छिपे खेत में दफना दिया था और उस पर फिर से फसल लगा दी थी।
गुस्साए हाथियों के दल ने ग्रामीण और मवेशियों को मार डाला था
इधर बच्चे की मौत से गुस्साए हाथियों के दल ने एक ग्रामीण और 3 मवेशियों को कुचलकर मार डाला था। डीएफओ कटघोरा प्रेमलता यादव ने बताया था कि हाथियों के दल ने नजदीकी गांव देवमट्टी में पीताम्बर नाम के ग्रामीण को कुचल दिया। मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी। बनिया गांव के सरहदी इलाके में शावक की मौत से गुस्साए हाथियों का झुंड जमकर उत्पात मचा रहा है। हाथियों के झुंड की निगरानी में वनकर्मी जुटे हुए हैं।
जांच में ये बात निकलकर सामने आई थी कि पसान रेंज में हाथी सैकड़ों एकड़ फसल और कच्चे घरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, इधर वन विभाग उन्हें भगाने के लिए कुछ ठोस नहीं कर पा रहा था, जिससे ग्रामीणों में गुस्सा था, इसलिए उन्होंने हाथी के शावक की जान ले ली।
पसान रेंज में हाथियों का उत्पात जारी
वनमंडल कटघोरा के पसान रेंज में हाथियों का उत्पात पिछले कई दिनों से जारी है। अलग-अलग झुंड में इन्हें देखा जा रहा है। एक पखवाड़े में हाथियों के कारण लोगों की संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है। इधर 4-5 दिन पहले भी रिहायशी इलाके के पास पहुंचे एक हाथी को खदेड़ने में वन विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। इस दौरान हाथी ने वन विभाग की टीम के ऊपर हमला करने की भी कोशिश की थी। हाथी ने वन विभाग की टीम को दौड़ा भी दिया था।
अभी भी कटघोरा वनमंडल में 44 हाथियों का झुंड मौजूद है। शावक की मौत के बाद वे बेहद आक्रामक हो गए हैं, जिससे ग्रामीण डरे हुए हैं। कुछ दिन पहले भी ग्राम बनिया में हाथियों के दल ने 5 एकड़ में लगी फसल को चट कर लिया था। एक ग्रामीण ने बताया था कि हाथियों के घरों को तोड़ देने का कारण कई लोग दूसरे के घरों में शरण लेने को मजबूर हैं।
पसान और केंदई वन परिक्षेत्र में हाथियों का सबसे अधिक आतंक है। पिछले 3 महीनों में हाथियों ने करीब 3 हजार 241 एकड़ फसल को बर्बाद कर दिया है। केवल दो दिनों में ही हाथियों ने तुलबुल, सेंहा, अमझर के 14 किसानों के 22 एकड़ फसल को नुकसान पहुंचाया है। हाथियों ने इस साल जुलाई से अब तक 200 से ज्यादा कच्चे घरों को भी नुकसान पहुंचाया है।
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