पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के फ्लोराइड प्रभावित 17 गांवों के ग्रामीणों को साफ पानी देने शुरू की गई चोटिया जल आवर्धन योजना अभी भी अधर में है। पीएचई के अफसरों ने मई से पानी आपूर्ति शुरू करने का दावा किया था। लेकिन इंटेकवेल से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पाइप लाइन बिछाने के लिए नेशनल हाईवे सड़क को काटने अनुमति ही नहीं मिली। जिसकी वजह से लोगों को इस गर्मी में भी साफ पानी नसीब नहीं होगा। चोटिया समूह जल प्रदाय योजना की मंजूरी खनिज न्यास मद से वर्ष 2017-18 में में मिली थी। इसकी लागत 32 करोड़ 18 लाख रुपए है।
क्रियान्वयन एजेंसी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग परियोजना खंड को बनाया गया है। लेकिन धीमी गति से काम चलने की वजह से 4 साल बाद भी काम पूरा नहीं हुआ है। बीच में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से गांवों तक पाइप लाइन बिछाने वन विभाग ने रोक दिया था। बाद में मंजूरी मिल गई। बांगो बांध के डुबान क्षेत्र में पानी के लिए इंटेकवेल बनाया गया है।
यहां से वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पानी ले जाने के लिए 250 एमएम की पाइप लाइन बिछानी पड़ेगी। 7 महीने पहले कटघोरा- अंबिकापुर नेशनल हाईवे सड़क को काटने के लिए अनुमति मांगी गई थी। लेकिन अब तक इंतजार ही किया जा रहा है। इसकी वजह से मई से पानी आपूर्ति की योजना धरी रह गई। योजना के पूरे होने से 17 गांवों की 19 हजार आबादी को साफ पानी मिलेगा। इसमें चोटिया , परला नवापारा, कापा नवापारा , लालपुर , सखोदा , भुजंगकछार , मातीन खास, कोरबी , रोदे, लाद, आमाटिकरा , हड़मोड़ , बनिया , पोड़ी खुर्द, फुलसर और घुंचापुर शामिल है।
12 किमी के दायरे में गांव, पाइप लाइन बिछाकर किया कनेक्ट
वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से सभी 17 गांवों में बनी पानी टंकी को भरने 12 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है। इसके अलावा पीएचई के अधिकारी गांव स्तर पर भी घर-घर पाइपलाइन बिछाने का दावा कर रहे हैं, पर सबसे बड़ी समस्या प्लांट तक पाइप बिछाने की है।
दूर-दूर मोहल्ले होने की वजह से पाइपलाइन आधी अधूरी
वनांचल के इन गांवों में घनी बस्ती नहीं है। घर घर नल कनेक्शन देने के लिए कई मोहल्लों में अभी तक पाइपलाइन नहीं बिछी है। फुलसर के ऊपरपारा, घाटपारा में पाइपलाइन नहीं गई है। गांव के श्रीपत सिंह कोराम ने बताया कि अधिकारी भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे आगे लोगों को समस्या हो सकती है। यही हाल कोरबी ,बनिया में भी है।
20 लाख लीटर क्षमता का बना वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
परला नवापारा के पास 20 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया है। इसकी लागत एक करोड़ 28 लाख 10 हजार रुपए है। यहां से पानी साफ करने के बाद गांव में बनी पानी टंकी को भरा जाएगा। इसके बाद घरों में पानी की आपूर्ति की जाएगी।
सीधी बात
आरपी प्रजापति, ईई पीएचई परियोजना खंड
पाइप लाइन बिछाने अनुमति का इंतजार
1.समूह जल प्रदाय योजना से मई में पानी आपूर्ति क्यों नहीं हो पाई। कौन जिम्मेदार है? - एनएच की सड़क को काटकर ही पाइप लाइन बिछाई जानी है। अनुमति के लिए 7 महीने पहले आवेदन कर चुके हैं। 2. जब सड़क का निर्माण हो रहा था तो पाइप लाइन क्यों नहीं बिछाई गई? - उस समय काम मैं नहीं देख रहा था। कोरोना की वजह से भी काम बंद रहा। अब सभी काम हो गया है। पाइप लाइन का काम ही बाकी है।
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