धनतेरस पर शनिवार मां महालक्ष्मी और कुबेर की पूजा घर-घर की गई। आयुर्वेद को मानने वाले लोगों ने भगवान धनवंतरी की विशेष पूजा देर शाम तक किए। धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक कहा गया है। इसके कारण साधकों ने जड़ी बूटी से अभिषेक कर पूजा की। शुभ मुहूर्त में जहां लोगों ने खरीदारी की, वहीं नगर के सिंचाई कालोनी रामपुर स्थित बालाजी मंदिर, शिव औषधालय, एमपीनगर, श्री सप्तदेव मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई। यहां पंचामृत व जड़ी बूटी से अभिषेक किया गया।
कई वैद्य भी यहां पहुंचे और भगवान धन्वंतरि के समझ दवाइयां व जड़ी बूटी रखकर विधान से पूजा की गई। वहीं प्रदोष काल में कुबेर पूजन व घर के दक्षिण दिशा में यमराज के लिए तिल के तिल का चौमुखी दीपक जलाकर किया गया।
देवी मां का किया विधिवत शृंगार
शुक्रवार की सुबह से ही मुरारका पेट्रोल पंप के समीप स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर में देवी मां लक्ष्मी व भगवान नारायण का दूध, दही, शक्कर, घी व गंगाजल से अभिषेक किया गया। मां लक्ष्मी व भगवान नारायण का गुलाबी रंग के वस्त्र से श्रृंगार किया गया। अखंड ज्योत, महाआरती के साथ महाभोग लगाकर मां लक्ष्मी की पूजा की गई। यहां दिवाली पर देवी मां का अलोकिक श्रृंगार मंदिर प्रबंधन द्वारा किया जाएगा।
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