महासमुंद के गढ़फुलझर में मंगलवार रात ईंट भट्ठे के धुएं से 5 मजदूरों की दम घुटने से मौत हो गई। एक की हालत गंभीर है, उसका इलाज बसना सामुदायिक केंद्र में चल रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने श्रमिकों की मौत पर दुख जताया है। बसना थाना क्षेत्र की पूरी घटना है।
ग्रामीणों ने बताया, कुंज बिहारी पांडे का ईंट भट्ठा है। कुंज बिहारी माटीकला बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष चंदशेखर पांडे के छोटे भाई हैं। उन्होंने श्रमिकों से ईंट बनवाकर उसे पकाने के लिए ठेका दिया हुआ था। यहां 6 श्रमिक गंगा राम बिसी (55 वर्ष), दशरथ बिसी (30 वर्ष), सोना चंद भोई (40 वर्ष), वरुण बरिहा (24 वर्ष), जनक राम बरिहा (35 वर्ष) और मनोहर बिसी (30 वर्ष) काम कर रहे थे। रात 12 बजे तक ईंट भट्ठे में काम चल रहा था।
इसके बाद सभी श्रमिक शराब पीकर भट्ठी के ऊपर लेट गए। ईंट भट्ठे से निकलने वाले धुएं से सभी बेहोश हो गए। बुधवार सुबह 5 बजे एक ग्रामीण ने जब ईंट भट्ठे से धुआं निकलते देखा, तो उसके ऊपर सो रहे लोगों को आवाज लगाई। आवाज लगाने पर भी किसी ने कोई उत्तर नहीं दिया, तब जाकर उसने बाकी लोगों को बुलाया और बसना थाना पुलिस को घटना की सूचना दी गई।
मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी को बसना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने 5 मजदूरों को मृत घोषित कर दिया। वहीं एक श्रमिक मनोहर बिसी (30 वर्ष) की हालत गंभीर है, जिसका इलाज चल रहा है। मृतकों में पिता गंगा राम बिसी (55 वर्ष) और उसका एक बेटा दशरथ बिसी भी शामिल हैं। घटना रात 12 से 4 बजे के बीच की बताई जा रही है। बसना थाना प्रभारी कुमारी चंद्राकर ने कहा कि सभी मजदूरों के शव का पोस्टमॉर्टम करवाकर उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने घटना पर जताया अफसोस
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 5 श्रमिकों की मौत पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देने और गंभीर रूप से घायल एक श्रमिक को बेहतर से बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
बलरामपुर में ऐसी ही घटना पिछले महीने हुई थी
पिछले महीने फरवरी में छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से भी ऐसी ही घटना सामने आई थी, जहां ईंट-भट्ठे के ऊपर सो रहे 3 लोगों की एक साथ मौत हो गई थी। गणेशमोड़ चौकी इलाके में स्थित ईंट भट्ठे के ऊपर तीनों मजदूर सो गए थे, जहां धुएं के कारण दम घुटने से इनकी मौत हो गई थी।
बलरामपुर एएसपी सुशील नायक ने बताया था कि तीनों शराब के नशे में धुत सोए पड़े थे, इसलिए ये खुद को बचा भी नहीं सके। मृतकों के नाम राजदेव चेरवा, बनवा चेरवा (40 वर्ष) और छोटू चेरवा (20 वर्ष) थे।
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