मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय निकायों में कृष्णकुंज विकसित किए जा रहे हैं। महासमुंद जिले के नगरीय क्षेत्रों में इसके लिए जमीन चिह्नांकित की गई है। चिह्नांकित भूमि उबड़-खाबड़ या अतिक्रमण को ठीक कर लिया जाए और जमीन वन विभाग आबंटित की जाए। कृष्णकुंज में बरगद, पीपल, नीम और कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के जीवनोपयोगी पौधों का रोपण किया जाएगा। जमीन न्यूनतम 1 एकड़ से कम न हो। आगामी कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कृष्णकुंज के लिए चिह्नांकित जमीन पर वृक्षारोपण शुरू होगा।
यह बातें कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने मंगलवार को हुई समय-सीमा की बैठक में कही। वहीं डीएफओ पंकज राजपूत ने कृष्णकुंज के संबंध में पूरी जानकारी दी और एसडीएम और सीईओ को चिह्नांकित जमीन के बारे में पूरी वस्तुस्थिति बताने को कहा। उन्होंने बताया कि हरियर महासमुंद अभियान के तहत जन भागिता से शहरी क्षेत्र में पौधारोपण की मुहिम चलाई जा रही है।
30 को गोठानों का नोडल अधिकारी करें निरीक्षण
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जिले के गौठानों के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी 30 जून को गोठानों का निरीक्षण करें और पोर्टल में ऑनलाइन एंट्री करें। छग शासन से प्राप्त दिशा-निर्देश की जानकारी व्हाट्सएप ग्रुप में दी गई है उसे अच्छे से पढ़े और दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि गोठान के काम में जो अधिकारी-कर्मचारी लापरवाही बरतेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। नियमित गोबर खरीदी और खरीदे गए गोबर का निराकरण होता रहे। वर्मी कम्पोस्ट खाद की उत्पादकता बढ़ाएं।
कलेक्टर ने वैक्सीनेशन की जानकारी ली और स्कूली बच्चों एवं पात्र लोगों को बूस्टर डोज नियमित तौर पर लगाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी एसडीएम और संबंधित कृषि अधिकारी को जिले की किसानों को खाद-बीज का वितरण सही ढंग से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही मुनाफाखोरों के प्रति सख्त कार्रवाई करने को कहा। बैठक में जिला पंचायत सीईओ एस आलोक, अपर कलेक्टर ओपी कोसरिया, एसडीएम भागवत जायसवाल के साथ अन्य मौजूद रहे।
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