सहारा इंडिया के कार्यकर्ता व निवेशकों ने दो दिवसीय धरना व प्रदर्शन मंगलवार को शुरू हुआ। स्थानीय पटवारी कार्यालय के सामने निवेशक अपनी मांग काे लेकर धरने पर बैठ गए हैं। निवेशक इस बार अपनी मांग को लेकर आरपार की लड़ाई की बात कह रहे हैं। दो दिवसीय धरने के बाद यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आमरण अनशन व एनएच - 53 पर चक्काजाम करने बाध्य होंगे। राजनांदगांव में निवेशकों के रुपए वापस करने के कारण ये आक्रोशित हैं।
सहारा भुगतान पीड़ित जमाकर्ता व कार्यकर्ता अध्यक्ष राकेश सोनी, कोषाध्यक्ष बिंदु आचार्य, प्रवक्ता पंकज साेनी ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने चिटफंड कंपनियों में जमा रुपए को वापस दिलाने की घोषणा प्रदेश के निवेशकों से की है, लेकिन राजनांदगांव के ही निवेशकों को रुपए वापस किए जा रहे हैं।
बाकी जिलों के निवेशकों को राशि वापस नहीं कर रहे हैं। सरकार अपने वादे से मुकर रही है। वहीं जिला के कलेक्टर भी निवेशकों की राशि वापस दिलाने के बजाए रजिस्ट्रार दिल्ली को पत्र लिखकर राशि वापस करने की मांग कर रहे हैं। छग के सहारा के प्रभारी पर यदि केस दर्ज कर गिरफ्तार करेंगे तो निवेशकों के रुपए वापस आ जाएंगे, लेकिन प्रशासन व शासन का रवैया ठीक नहीं लग रहा है।
उन्होंने बताया कि जिले के 42 हजार निवेशकों के लगभग 50 करोड़ रुपए तक वापस लेना है। लोगों ने अपने जमीन बेचकर राशि जमा कराई थी, लेकिन वक्त में ये राशि काम नहीं आई और कइयों ने अपनों को खो दिया है। ये दर्द शासन प्रशासन को नहीं दिख रहा है। धरने को पार्षद महेन्द्र जैन ने समर्थन दिया।
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