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छत्तीसगढ़ में गरियाबंद के उदंती सेंचुरी में जंगली सुअर का शिकार करने वालों पर 4 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। घटना का वीडियो भी वायरल हुआ। वन कर्मियों ने एक आरोपी को पकड़ भी लिया। उसके घर से मांस का टुकड़ा और फरसा बरामद कर बयान भी दर्ज कर लिया, लेकिन मामला फिर सीमा विवाद में उलझ गया। दूसरे वन परिक्षेत्र को आरोपी सौंपा गया तो उन्होंने उसे संदेही मान ग्रामीणों को दे दिया।
दरअसल, उदंती अभ्यारण्य (सेंचुरी) के बफर जोन में इंदागांव परिक्षेत्र की सीमा से सटे इलाके में शनिवार को जंगली सुअर का शिकार किया गया था। शिकारी उसे लेकर देवभोग परिक्षेत्र के सरनाबहाल गांव के एक खेत में ले गए और वहां उसे काटा। इस दौरान पूरी घटना का वीडियो भी बनाया गया, जो वायरल हो गया। इस बीच सूचना मिलने पर रविवार रात ही इंदागाव परिक्षेत्र अधिकारी योगेश रात्रे घटना स्थल पर पहुंच गए थे।
मामला देवभोग परिक्षेत्र को उसी समय सौंपा, पर कार्रवाई से मुकरे
वीडियो में एक आरोपी सरनाबहाल गांव निवासी भुजबल का चेहरा स्पष्ट दिख रहा था। इस पर टीम ने उसे हिरासत में ले लिया और बयान भी दर्ज कराए। पंचनामा भी बनाया गया। फिर पता चला कि घटना देवभोग परिक्षेत्र में हुई है। इंदागाव रेंजर रात्रे ने बताया कि नियमानुसार, वहीं POR (प्राथमिक क्राइम रिपोर्ट) दर्ज होना था। ऐसे में देवभोग अमला को सूचना दी गई। रेंजर रात्रे ने कहा कि देवभोग अमला उसी समय ही कार्रवाई से मुकर गए।
देवभोग रेंजर बोले- वीडियो है हमारे पास, कार्रवाई होगी
वहीं देवभोग रेंजर नागराज मंडावी का कहना है कि मामले में लिखित दस्तावेज नही मिले, फिर भी उनकी टीम जांच कर रही है। सबूत और पकड़े गए संदेही को ग्राम के प्रबुद्ध लोगों के पास सुपुर्द किया गया है। जल्द ही इसमें कार्रवाई की जाएगी। मामले की वीडियो भी हमारे पास है। इसमें शामिल सभी लोगों पर कार्रवाई होगी। हालांकि यह कार्रवाई क्यों होगी और आरोपी को संदेही क्यों माना गया, इसका कोई जवाब नहीं है।
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