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पोल्ट्री बर्ड से कोरोना फैलने की अफवाह से पिछले साल फरवरी-मार्च में जबरदस्त घाटा झेल चुकी प्रदेश की पोल्ट्री इंडस्ट्री अब पूरी तरह से पटरी पर लौट आई है। कोरोनाकाल से इम्युनिटी पावर बढ़ाने वाले काढ़ा, फल व कुछ दवाइयों सहित इस तरह के अन्य उत्पादों की जबरदस्त बिक्री हो रही है जो आज भी जारी है। उनमें चिकन व अंडा भी शामिल है। मांग की वजह से इसकी खपत में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है। छत्तीसगढ़ स्टेट पोल्ट्री फार्मर्स एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी गौतम घोष के अनुसार, अफवाह की वजह से फरवरी-मार्च 2020 पोल्ट्री इंडस्ट्री के लिए निराशाजनक रहा। कई पोल्ट्री फार्म बंद होने की कगार पर आ गए थे। उत्पादन क्षमता घटकर 30 से 40 फीसदी हो गई। अप्रैल के बाद से स्थिति में सुधार आने शुरू हो गए। कारण, उपभोक्ताओं ने अफवाहों को दरकिनार करते हुए चिकन व अंडों की खरीदी फिर से शुरू की। डॉक्टरों ने भी समझाया कि इम्युनिटी पावर बढ़ाने में चिकन व अंडा कारगर साबित होता है। केंद्र व राज्य शासन ने भी स्पष्ट किया कि कोरोनावायरस और पोल्ट्री प्रोडक्ट का आपस में कोई लेना-देना नहीं है। देशभर के इंडस्ट्री से जुड़े संगठनों ने प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व रेडियो में विज्ञापनों के माध्यम से भी अपील कर वास्तविकता को समझाया। इसके लिए फेसबुक व इंस्ट्रा सहित अन्य सोशल मीडिया का भी सहारा लिया गया। इसके बाद डिमांड बढ़ी और लड़खड़ाती इंडस्ट्री को सहारा मिला। प्रति माह डिमांड में 3 से 4 फीसदी की तेजी दर्ज की गई जो आज 20 फीसदी पर पहुंच गई है। इंडस्ट्री वर्तमान में 100 फीसदी उत्पादन क्षमता पर आ खड़ी हुई है। प्रदेश में छोटे-बड़े 1 हजार से भी अधिक पोल्ट्री फार्म हैं। कोरोना संकट से पहले प्रदेश में हर रोज लगभग 23 से 24 लाख अंडों की खपत होती थी। कोरोना काल में फरवरी-मार्च में यह घटकर 10-11 लाख पर आ गई। लेकिन वर्तमान में यह आंकड़ा 25 से 30 लाख तक पहुंच गया है। कीमत की बात करें तो अंडा प्रति नग फरवरी-मार्च 2020 में 3.10 पैसा था, लेकिन अब यह 5.35 पैसा प्रति नग के भाव बिक रहा है। उस दौरान चिकन 30 से 50 रुपए प्रति किलोग्राम के भाव पर बिक रहा था जो अब 150 से 160 रुपए प्रति किलोग्राम के स्तर पर आ गया है।
छत्तीसगढ़ में बर्ड फ्लू का एक भी केस नहीं मिला
गौतम घोष ने बताया कि प्रदेश में बर्ड फ्लू का एक भी केस नहीं है। शासन ने पोल्ट्री फार्म की जांच में भी कहा गया है कि प्रदेश में बर्ड फ्लू के कोई लक्षण नहीं हैं। पोल्ट्री फार्मर्स भी सभी तरह की सावधानियां बरत रही हैं।
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