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केंद्र सरकार के कृषि संबंधी तीन कानूनों के विरोध में छत्तीसगढ़ के किसानों ने भी रायपुर के पास रेल रोकने की कोशिश की। प्रशासन की तैयारियोें की वजह से वे रेल का चक्का जाम तो नहीं कर पाए, लेकिन आरंग रेलवे स्टेशन पर पहुुंचने का रास्ता जरूर रोक दिया। किसानों ने स्टेशन परिसर के ठीक बाहर एक सड़क पर सभा की। इसकी वजह से करीब 3 घंटों तक स्टेशन जाने का रास्ता बंद रहा।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के आह्वान पर यहां छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने रेल रोकने की योजना बनाई थी। महासंघ की कोर कमेटी ने रायपुर विशाखापट्टनम रेल खंड पर आरंग रेलवे स्टेशन पर रेल रोकने की योजना बनाई। तय हुआ था कि दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक रेल ट्रेक पर जुटकर रेलवे का संचालन बाधित किया जाए। आरंग में किसानों की सभा शुरू होने से पहले भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती हो गई।
आसपास के गांवों से जुटे सैकड़ो किसानों ने रेलवे स्टेशन अंडरब्रिज के पास सड़क पर सभा की। इस दौरान केंद्र सरकार की नीतियों को किसान विरोधी बताया गया। किसान नेताओं ने कहा, केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीनों कृषि संबंधी कानून किसानों को पूंजीपतियों का बंधुआ बना देंगे। किसानों ने सरकार ने तीनों कानून वापस लेने की मांग की। उनका कहना था कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानून लागू करे। सभा को छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के रूपन चंद्राकर, पारसनाथ साहू, द्वारिका साहू, जुगनू चंद्राकर आदि ने संबोधित किया।
स्टेशन के लिए निकले तो पुलिस ने रोका
सभा के बाद किसानों का जत्था रेलवे स्टेशन के लिए निकला। उनके निकलते ही पुलिस ने भारी बेरिकेट लगाकर किसानों को रोक लिया। किसानाें ने यहां केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बाद में किसान वहीं पर ज्ञापन देनें को तैयार हो गए। प्रशासन के लोग स्टेशन मास्टर को बुलाकर लाए। किसानों ने आरंग के स्टेशन मास्टर को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपकर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। उनका कहना था, केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने वाला कानून बनाए।
रेल यात्रियों के लिए भोजन व्यवस्था करके गये थे
किसान नेता रेल रोकने की सूरत में रेल यात्रियों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था लेकर गए थे। इसके लिए सिख समाज ने सहयोग किया था। रेलवे स्टेशन नहीं जा पाए तो आंदोलन में आये किसानों को ही भोजन कराया गया।
अब टिकैत को लाने की तैयारी
किसान नेता पारसनाथ साहू ने बताया, किसानों ने यहां जुटकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जता दिया है। अब महासंघ प्रदेश में किसान महापंचायत की तैयारी में जुटेगा। हमारी कोशिश होगी कि महापंचायत में 50 हजार से एक लाख किसान पहुंचे। इस महापंचायत में दिल्ली से राकेश टिकैत को बुलाया जाएगा। दूसरे किसान नेताओं से भी बात की जा रही है।
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