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वैसे तो पुष्य नक्षत्र साल में कई बार आता है, लेकिन यह यदि गुरुवार या रविवार को पड़े तो बहुत ही शुभ माना जाता है। फरवरी की 25 तारीख ऐसा ही एक शुभ संयोग लिए आ रही है। दरअसल, इस दिन गुरुवार भी है और पुष्य नक्षत्र भी पड़ रहा है। इससे 25 फरवरी काे गुरु पुष्यामृत योग का निर्माण हो रहा है।
ज्योतिषियों का कहना है कि गुरुवार को पुष्यामृत योग दोपहर 1.16 बजे तक रहेगा, लेकिन खरीदारी के लिए पूरा दिन श्रेष्ठ रहेगा। इस दिन घर-जमीन समेत हर तरह की खरीदारी शुभ रहेगी। मान्यता है कि गुरु पुष्यामृत योग में खरीदी गई वस्तुएं अक्षयता को प्राप्त करती हैं। यानी ये वस्तुएं लंबे समय तक टिकती हैं। घर में समृद्धि आती है। इस तरह गुरु पुष्यामृत योग लोगों के लिए लाभदायक संयोग है। ज्योतिषियों के अनुसार, जब कभी गुरुवार को पुष्य नक्षत्र और अमृत सिद्धि योग बनता है, उस दिन को गुरु पुष्यामृत योग के नाम से जाना जाता है।
25 फरवरी को साल का दूसरा गुरु पुष्यामृत योग बन रहा है। शास्त्रों में इसे अमरेज्य कहा गया है। अर्थात यह नक्षत्र अपने आप में अमरता को समेटे हुए है। गौरतलब है कि 2021 में इससे पहले गुरु पुष्य योग 28 जनवरी को पड़ा था। अब दीपावली के पहले यानी 28 अक्टूबर और 25 नवंबर को सूर्योदय से सूर्यास्त तक ये शुभ संयोग रहेगा।
गुरु पुष्य नहीं पंच महायोग का भी बन रहा है शुभ संयोग
वैसे तो गुरु पुष्य योग ही अपने आप में बड़ा संयोग है, लेकिन 25 फरवरी का दिन महासंयोग लेकर आ रहा है। दरअसल, इस दिन गुरु पुष्यामृत के साथ शोभन योग, शुभ योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी पड़ रहे हैं। इस तरह से यह महज गुरु पुष्यामृत नहीं, बल्कि पंच महायोगों का संयोग है। ज्योतिषियों का कहना है कि इस योग में राशि अनुसार खरीदी की जाए तो घर-परिवार में समृद्धि आती है।
मान्यता - इस दिन घर के लिए जरूरी सामान खरीदना समृद्धिदायक
ज्योतिषियों ने बताया कि गुरु पुष्यामृत योग को तिष्य और अमरेज्य के नाम से भी जाना जाता है। तिष्य का मतलब शुभ-मांगलिक और अमरेज्य का मतलब देवताओं द्वारा पूजित होना है। भगवान विष्णु के आधिपत्य वाले दिन गुरुवार को पुष्य नक्षत्र योग से उसकी शुभता और बढ़ जाती है। इस दिन गृह उपयोगी वस्तुओं की खरीदी करना समृद्धिदायी होता है। पुष्य शनिदेव का नक्षत्र होता है। गुरु और शनि आपस में समभाव रखते हैं। मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई चीज लंबे समय तक टिकती हैं।
ज्योतिषी बोले - चंद्रमा के स्वराशि में होने की वजह से बढ़ी शुभता
ज्योतिषियों का कहना है कि गुरुवार को पुष्य नक्षत्र हाेने पर शुभ कार्यों की शुरुआत भी की जा सकती है। 25 फरवरी को चंद्रमा अपनी ही राशि यानी कर्क में रहेगा, जिससे इस दिन की शुभता और बढ़ जाएगी। ऐसे शुभ योग में भूमि, भवन, ज्वेलरी और वाहन खरीदी के साथ ही नया कारोबार शुरू करना श्रेष्ठ रहेगा। गुरुवार को व्रत रखने से आर्थिक संकट और अन्य परेशानियां भी दूर होंगी, जो लोग गुरुवार को खरीदारी नहीं कर सकेंगे, वे एक दिन पहले बुधवार से शुरू हो रहे पुष्य योग में भी खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।
क्या खरीदना रहेगा फायदेमंद, राशि अनुसार जानिए...
पुष्य की प्रकृति देवगुरु जैसी, इसलिए यह शुभ
"वैसे तो पुष्य शनि प्रधान नक्षत्र है, लेकिन इसकी प्रकृति देवगुरु बृहस्पति के समान है। जब यह नक्षत्र गुरुवार को पड़ता है तो इस दिन खरीदी गई वस्तुएं अक्षयता को प्राप्त करती हैं।"
-डॉ. दत्तात्रेय होस्केरे, ज्योतिषाचार्य
जानिए... क्यों पुष्य नक्षत्र है इतना विशेष
पुष्य नक्षत्र को सभी 27 नक्षत्रों का राजा माना जाता है। इसमें की गई खरीदी समृद्धिकारक होती है। पुष्य नक्षत्र का धातु सोना है। मान्यता है कि पुष्य योग में सोना खरीदना लाभकारी होता है। गुरु पुष्य व रवि पुष्य में भूमि, भवन, वाहन व अन्य स्थाई संपत्ति में निवेश करने से प्रचूर लाभ की संभावना रहती है। इस दिन चांदी, बर्तन, कपड़ा, इलेक्ट्राॅनिक वस्तुओं की खरीदी भी शुभ रहती है। इस दिन नए कार्य का शुभारंभ करना भी फलदायी होता है।
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