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पीली पड़ी फसलें, खेतों में दरारें, चिंता में किसान:​​​​​​​गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में 13 दिनों में सिर्फ 41 मिमी गिरा पानी, जून से अब तक 354.5 मिमी बारिश, जरूरत 1000 मिमी की

​​​​​​​गौरेला2 वर्ष पहले
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मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि जिले में औसत से कम बारिश हुई है, लेकिन आने वाले सप्ताह में अच्छी बारिश का सिस्टम बन रहा है। - Dainik Bhaskar
मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि जिले में औसत से कम बारिश हुई है, लेकिन आने वाले सप्ताह में अच्छी बारिश का सिस्टम बन रहा है।

छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में सूखे मानसून ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं। बारिश औसत से भी कम होने के कारण खेत में दरारें पड़ने लगी हैं, फसलें पीली पड़ गई हैं। आंकड़ों की बात करें तो पिछले 13 दिनों में महज 41.1 मिमी बारिश हुई है। जून से अभी 13 जुलाई तक यह आंकड़ा 354.5 मिमी तक पहुंच सका है। जबकि जरूरत 1000 मिमी बारिश की है। पिछले साल 1037 मिमी बारिश रिकार्ड की गई थी।

प्रदेश के बाकी जिलों की अपेक्षा GPM जिले में सामान्य से अधिक वर्षा होती है। इस बार मानसून सही समय पर होने के बाद भी रुक-रुक कर बरस रहे पानी ने किसानों के सामने परेशानी खड़ी कर दी है। किसानों ने थरहो (धान बोने की शुरुआत) खेत में लगा रखा है, लेकिन इतनी बारिश नहीं हुई की धान की रोपाई की जा सके। किसानों का कहना है कि खेतों में ढीलापन लाने के लिए बारिश की जरूरत है। इसके बाद ही रोपाई हो सकेगी।

13 दिनों के बारिश के आंकड़े (1 जुलाई से 13 जुलाई तक)

तारीखबारिश (मिमी में)
1 जुलाई0
2 जुलाई0
3 जुलाई0.2
4 जुलाई26.8
5 जुलाई0
6 जुलाई1.3
7 जुलाई2.2
8 जुलाई0.1
9 जुलाई10.1
10 जुलाई0.2
11 जुलाई0
12 जुलाई0.2
13 जुलाई0

विष्णु भोग चावल के लिए देश में प्रसिद्ध है जिला
GPM जिला देश भर में अपने विष्णु भोग चावल के लिए प्रसिद्ध है। बारिश नहीं होने के कारण फसलों के नुकसान के कारण किसानों पर खाद और बीज के कर्ज का बोझ भी बढ़ जाएगा। गहराई वाले खेतो में तो कुछ पानी भरा भी है, लेकिन दो सप्ताह से जिले में पानी नही बरसने के कारण बाकी में लगी फसलें सूखने लगी हैं। खेतों में भी दरारें नजर आ रही हैं। अब अगर 2-3 दिनों में बारिश नही हुई तो फसल सूख जाएगी और किसानों को नुकसान होगा।

जिले में औसत से महज 25 फीसदी बारिश
साल 2021 में जून से अब तक 354.5 मिमी बारिश मानसून के दौान जिले हुई है, जो कि औसत का महज 25 प्रतिशत है।

वर्ष 2020 में1037 मिमी
वर्ष 2019 में1384.8 मिमी
वर्ष 2018 में924 मिमी
वर्ष 2017 में1009 मिमी

पारा दिखाने लगा तेवर, विशेषज्ञ बोले- बारिश का बन रहा सिस्टम
बारिश नहीं होने से मौसम का पारा भी हाई हो गया है। अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 23.4 डिग्री पर पहुंच गया है। न्यूनतम तापमान सामान्य से 3 डिग्री ज्यादा है। हालांकि मौसम विभाग का अच्छी बारिश का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिक निखिल वर्मा बताते हैं कि जिले में औसत से कम बारिश हुई है, लेकिन आने वाले सप्ताह में अच्छी बारिश का सिस्टम बन रहा है। अनुमान है कि जिले में एक हजार से 1100 मिमी बारिश हो सकती है।

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