चरित्र शंका, दहेज की मांग को लेकर पति की मारपीट से तंग आकर महिला ने आत्महत्या कर ली थी। मामले में न्यायालय ने पत्नी को आत्महत्या करने के लिए दुष्प्रेरित करने वाले दहेज लोभी पति को पांच साल की कैद और पांच सौ रुपए जुर्माना किया है। अपर सत्र न्यायाधीश खिलावनराम रिगरी ने मंगलवार को मामले में अपना फैसला सुनाया है।पीड़ित पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक (एफटीसी) बालकृष्ण मिश्रा ने की है।
अभियोजन के अनुसार तिलई निवासी लीलाराम कौशिक का विवाह राजेश्वरी कौशिक से हुआ था। शादी के थोड़े समय बाद महिला का पति व उसके रिश्तेदार दहेज में 50 हजार रुपए नकद व बाइक की मांग कर प्रताड़ित करने लगे। उसका पति उसके चरित्र पर शंका कर मारपीट करने लगा।
इसकी शिकायत महिला ने 2016 में पुलिस से की थी। परिवार परामर्श केंद्र से मामले में दोनों पक्ष का राजीनामा हो गया। कुछ दिनों तक सब ठीक रहा, पर उसके बाद फिर से पति लीलाराम कौशिक महिला काे प्रताड़ित करने लगा। इससे तंग आकर 28 फरवरी 18 को महिला राजेश्वरी कौशिक ने आग लगा ली।
सिम्स में इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश खिलावनराम रिगरी ने आरोपी पति लीलाराम कौशिक पिता कुशराम कौशिक उम्र 32 वर्ष निवासी ग्राम तिलाई को पांच वर्ष कैद व पांच सौ रुपए अर्थदंड से दंडित किया।
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