अपनी मांगों को लेकर अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने प्रदेशव्यापी महाधरना का निर्णय लिया है। जशपुर से हजारों कार्यकर्ताओं ने महाधरना में रायपुर कूच करने की तैयारी कर ली है। जिला अध्यक्ष कविता यादव ने कहा कि यह निर्णायक आंदोलन होगा, जिसमें जशपुर जिले से बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका मांगों को लेकर महाधरना में जा रहे हैं। जशपुर जिले की तीनों विधानसभा जशपुर, कुनकुरी व पत्थलगांव विधायकों के ही निवास में वे रुकेंगे और भोजन भी वहीं करने की बात उन्होंने कही है।
प्रदेश की कांग्रेस सरकार की वादा खिलाफी, हठधर्मिता और सुपरवाइजर भर्ती में वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के कारण प्रदेश के एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता व सहायिकाओं में आक्रोश व्याप्त है। आंगनबाड़ी संघ द्वारा पिछले एक साल से लगातार शासन का ध्यानाकर्षण किए जाने के बावजूद मुख्यमंत्री, महिला बाल विकास मंत्री, संचालक सचिव के द्वारा अब तक उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया है न ही किसी भी स्तर से संघ के प्रतिनिधियो से कोई चर्चा के लिए बुलाया गया है। अब प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता व सहायिका अपना काम बंद करते हुए 10 से 16 दिसंबर तक एक सप्ताह के लिए रायपुर राजधानी में रात और दिन का महाधरना दिए जाने की तैयारी में हैं। जशपुर जिलाध्यक्ष कविता यादव ने बताया कि प्रांताध्यक्ष सरिता पाठक व प्रान्तीय सचिव सुमन यादव रायपुर के निर्देशन में इस हड़ताल को व्यापक बनाने के लिए और संघों के प्रांताध्यक्षों से वार्तालाप चल रही है। आंदोलन के दौरान आंगनबाड़ी केन्द्रों के सभी कार्य ठप रहेंगे।
सुपरवाइजर भर्ती के नियमों से आक्रोश बढ़ा
सरकार को मांगों की पूर्ति के लिए कार्रवाई करने और बातचीत से हल निकालने 3 माह का अवसर दिया था। इसके बाद भी शासन प्रशासन अभी तक ना तो कोई बात की और न ही कोई सार्थक पहल की गई। संघ लगातार सुपरवाइजर के रिक्त पद को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से वरिष्ठता क्रम में लिए जाने के लिए लगातार निवेदन करने के बाद भी सेवा भर्ती नियम में संशोधन नहीं किया और इस हड़ताल के अवधि में ही उम्र बंधन और परीक्षा का प्रतिबंध लगाकर अनुभवी और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को इससे वंचित रखे जाने से कार्यकर्ताओं मे असंतोष व्याप्त है।
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