तंबाकू के सेवन की बुरी लत कैंसर के साथ अंधत्व भी दे सकती है। इसका सेवन करने वालों के जीवन में अंधेरा हो सकता है। चिकित्सकों का कहना है कि अगर किसी लत को छोड़ने का दृढ़ संकल्प लिया जाए, तो वह लत छोड़ी जा सकती है। तंबाकू की लत भी इससे अछूती नहीं है।
जिला अस्पताल के कैंसर यूनिट मिली जानकारी के अनुसार एक वर्ष 40 मरीज माउथ कैंसर के मिल चुके हैं,जिसमें से 30 लोगों का जिला अस्पताल में ही इलाज किया गया है, वहीं 5 मरीजों को ऑपरेशन की आवश्यकता पड़ी। उन्हें इलाज के लिए बाहर भेजा गया और ऑपरेशन के बाद अब वे भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। आदिवासी बाहुल्य जिले में करीब 50 फीसदी से अधिक आबादी किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करती है। अधिकांश लोग गुटखा, तंबाकू, गुड़ाखू, बीड़ी-सिगरेट, सिगार आदि माध्यमों से तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। जिस तेजी से तंबाकू का सेवन बढ़ा है, उसी तेजी से उसके दुष्परिणाम भी सामने आ रहें हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पूरे विश्व में होने वाली मौतों में हाइपर टेंशन के बाद तंबाकू दूसरा बड़ा कारण है। विश्व में हर 10 व्यक्ति में से 1 की मौत तंबाकू के सेवन से हो रही है। हालांकि जिले में इसके लिए अलग से कोई सर्वे नहीं हुआ है।
जिला अस्पताल में 30 मरीजों का हुआ इलाज
पूर्व में माउथ कैंसर की स्क्रीनिंग और इलाज के लिए लोगों को जिले से बाहर जाना पड़ता था, लेकिन एक वर्ष पूर्व जिले में कैंसर यूनिट की स्थापना होने के बाद जिले के लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ रहा है। जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले एक साल में जिला हॉस्पिटल में माउथ कैंसर के 40 मरीज सामने आए हैं। इसमें 5 मरीजों को ऑपरेशन की आवश्यक्ता पड़ने पर उन्हें जिला अस्पताल में ही कीमोथैरेपी देने के बाद बाहर भेजा गया था। वहीं 30 मरीजों का जिला अस्पताल में ही उपचार किया गया।
तंबाकू खाने से हो सकती है कई अन्य बीमारियां
जिले के मनोरा अस्पताल में पदस्थ दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. कांति प्रधान ने बताया कि तंबाकू में निकोटीन की मात्रा होती है, जिससे उसके सेवन से मुंह का कैंसर, आंतों का कैंसर हो सकता है। इसके अलावा स्मोकिंग के माध्यम से तंबाकू का सेवन करने पर फेफड़े का कैंसर, मुंह का कैंसर, सांस की बीमारी के अलावा हृदय रोग भी हो सकता है। तंबाकू नर्व को भी स्टीमुलेट करता है, जिससे हाथ-पांव में कंपन भी आ सकता है। इसके साथ ही तंबाकू की लत कारण आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
निकोटिन रिप्लेसमेंट थैरेपी से भी छुड़ाई जा सकती है लत
दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. कांति प्रधान का कहना है कि तंबाकू की लत छोड़ने के लिए सबसे जरूरी चीज दृढ़ इच्छाशक्ति है। मन में दृढ़ संकल्प लेकर इस बुराई को त्यागा जा सकता है। बुरी तरह तंबाकू की लत में गिरफ्त व्यक्ति की आदत छुड़ाने के लिए डॉक्टर भी उसका उपचार करते हैं। सबसे पहले चिकित्सक मरीज की तंबाकू पर निर्भरता की जांच करते हैं। उसके बाद इलाज किया जाता है। जिसे एनआरटी (निकोटीन रिप्लेसमेंट थैरेपी) कहा जाता है। तंबाकू की लत छुड़ाने के लिए मेडिकल स्टोर्स में निकोटीन पाउच उपलब्ध हैं।
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