छत्तीसगढ़ में एक टीचर की बेटी यूट्यूब देखकर ठगी करने लगी। छात्रा ने पहले यूट्यूब से बॉयोमीट्रिक डिवाइस पर फिंगर प्रिंट लेना सीखा। फिर अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ मिलकर लोगों को मजदूर कार्ड बनवाने का झांसा देकर लाखों की ठगी कर ली।
मामला रायगढ़ जिले का है। टीचर की बेटी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पहले तो लोगों को मजदूर कार्ड बनवाने का वादा किया। फिर उनके फ्रिंगर प्रिंट ले लिए। इसके बाद अलग-अलग लोगों के खाते से करीब 3 लाख रुपए पार कर दिए और भाग निकले। इस मामले में जब शिकायत हुई तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। मामला चक्रधरनगर थाना क्षेत्र का है।
ऐसे लोगों को दिया झांसा
जानकारी के मुताबिक, गोवर्धनपुर के कियोस्क शाखा में कई लोग पैसे निकालने के लिए आते थे। इन्हीं में कई लोगों को मजदूर कार्ड बनवाने की जरूरत थी। इसी बात का फायदा उठाकर दिसंबर महीने में युवक-युवती ने उन्हें झांसे में लिया था। दोनों ने मिलकर दावा किया हम आसानी से आपका मजदूर कार्ड बनवा देंगे। मगर उसके लिए आपको कुछ दस्तावेज देने होंगे। जैसे- आधार कार्ड, पासबुक। साथ ही आपको फिंगर प्रिंट भी देना होंगे। लोग उनके झांसे में आ गए थे और उन्होंने अपने दस्तावेज के साथ फिंगर प्रिंट भी दे दिए।
पैसे निकालने गए तो पता चला खाते में पैसे ही नहीं है
बताया गया कि सब कुछ देने के बाद भी इनका मजदूर कार्ड तो बना नहीं। लोगों ने बताया कि उन्होंने जब इनसे संपर्क किया तो दोनों से संपर्क भी नहीं हो सका था। इतना ही नहीं ये लोग जब अपने खाते में पैसा निकालने पहुंचे तो दोमनिका कुजूर के खाते से 20 हजार, रत्ना डनसेना के खाते से 1 लाख 19 हजार 300 रुपए और अंजली के खाते से 1 लाख 44 हजार 859 रुपए गायब हो चुके थे। तब जाकर इन्हें अहसास हुआ कि इनके साथ ठगी हुई है। इसके बाद इन्होंने पुलिस से शिकायत की।
केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड से गिरफ्तार
शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच में जुटी थी। पुलिस ने पीड़ितों से आरोपियों के बारे में पूछताछ की, उनकी पहचान जानी, फिर उनके ठिकानों में दबिश भी दी। लेकिन वो गायब हो चुके थे। पुलिस को पता चला कि दोनों केवड़ाबाड़ी बस स्टैंड के पास हैं। पुलिस ने मौके पर दबिश दी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
दो साल से एक दूसरे को जानते थे
पूछताछ में दोनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। पूछताछ में दोनों ने अपना नाम पुष्पेन्द्र कुमार(24) और भारती महिलांगे (20) बताया है। पुष्पेंद्र के पिता ट्रेलर चलाने का काम करते हैं। जबकि भारती के पिता टीचर हैं। आरोपियों ने बताया कि दोनों एक दूसरे को पिछले दो साल से जानते थे। दोनों एक दूसरे को पसंद भी करते थे। दोनों ने यह भी बताया कि हमने यूट्यूब से बायोमेट्रिक डिवाइस पर फिंगर प्रिंट लेना और उसका गलत इस्तेमाल कैसे करना है, यह सीखा था। आरोपी जांजगीर जिले के डभरा इलाके के रहने वाले हैं।
चक्रधरनगर में लिया किराए का मकान
आरोपियों ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। दोनों ने बताया कि उन्होंने चक्रधरनगर में किराए का मकान लिया था। वहीं दोनों रह रहे थे। इसके बाद उन्होंने गोवर्धनपुर इलाके में एक सप्ताह तक कैंप किया। इसी दौरान उन्हें कियोस्क शाखा में लोगों के आने की जानकारी और मजदूर कार्ड बनवाने वालों की जानकारी मिली थी। जिसके बाद उन्होंने लोगों को झांसे में लेना शुरू किया था।
ग्लू और फेविकोल लगाकर लेते थे फिंगर प्रिंट
आरोपियों ने बताया कि उन्होंने लोगों से दस्तावेज और फिंगर प्रिंट बायोमेट्रिक डिवाइस पर ग्लू/फेवीकोल लगाकर लेता थाा। बाद में उस फिंगर प्रिंट को अपने अंगूठे पर लगाकर कियोस्क शाखा से पैसे निकाल लिया करते थे। अब पुलिस ने दोनों से एक लाख 66 हजार रुपए नकद बरामद किए है। साथ ही पैन कार्ड, एटीएम कार्ड और मोबाइल जब्त किया गया है। पुलिस ने बताया कि दोनों के खिलाफ जांजगीर के डभरा थाने में भी इसी तरह से धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज है।
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