सोमवार को जिला मानसिक स्वास्थ्य की टीम ने शासकीय डिग्री कॉलेज के छात्रों को गेट कीपर की ट्रेनिंग दी। गेट कीपर वह होता है, जो अपने आसपास के लोगों के व्यवहार में हो रहे बदलाव पर नजर रखता है और आत्महत्या करने जैसे लक्षणों वाले व्यक्तियों को तुरंत पहचान कर उसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देता है, जिससे उस व्यक्ति की उचित समय पर काउंसिलिंग की जा सके। जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत यह कार्यशाला की गई।
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डिग्री कॉलेज के 100 से अधिक छात्र और स्टाफ के साथ विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के दिन पूरे दिन मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी। मानसिक बीमारी और मानसिक स्वास्थ्य के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध सुविधाओं के बारे में बताया गया। कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ. प्रकाश चेतवानी ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता लाने और आत्महत्या को रोकने स्वास्थ्य विभाग कई कदम उठा रहा है।
तेजी से भागती हुई जिंदगी में विकास के साथ तनाव भी उसी अनुपात में बढ़ा है, लेकिन लोग तनाव प्रबंधन या तनाव को दूर करने की कोशिश नहीं कर बस आगे बढ़ने में लगे रहते हैं। यही तनाव कब अवसाद बन जाता है और इसी अवसाद में व्यक्ति अपनी जिंदगी खत्म करने की कोशिश करता है।
एक-दूसरे की भावनाओं को समझना बेहद जरूरी
कार्यशाला की जानकारी देते हुए नर्सिंग ऑफिसर और मानसिक स्वास्थ्य सलाहकार अतीव राव ने बताया कि जिले में मानसिक स्वास्थ्य इकाई के माध्यम से कार्यस्थल पर तनाव का प्रबंधन और आत्महत्या रोकथाम के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कार्यशाला के माध्यम से कार्य का उचित प्रबंध करना और तनाव को कम करने के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही सहयोगी साथियों द्वारा एक-दूसरे की भावनाओं को समझकर आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठाने से रोकने के बारे में बताया गया।
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