15 दिन के नोटिस पर बुधवार को कोकड़ीतराई जलाशय के अतिक्रमणकारी जवाब पेश करने तहसील कोर्ट पहुंचे। हालांकि सुनवाई नहीं हुई। कोकड़ीतराई जलाशय डेम की जमीन का व्यवस्थापन नहीं किया जा सकेगा। दूसरी तरफ टीपाखोल जलाशय की नहर पर कब्जों के व्यवस्थापन के लिए सिंचाई विभाग से एनओसी लेने के बाद जमीन का हस्तांतरण के लिए राजस्व विभाग ने शासन से मार्गदर्शन मांगा है। अतिक्रमण करने वालों से 152 प्रतिशत कीमत लेकर जमीन दे दी जाएगी।
जिले में नहर और एक जलाशय पर अतिक्रमण से गहमागहमी का माहौल है। भगवानपुर इलाके में टीपाखोल जलाशय की नहर और किरोड़ीमलनगर कोकड़ीतराई जलाशय पर ही अतिक्रमण से राजस्व विभाग की सिरदर्दी बढ़ गई है। जनवरी 2019 में भास्कर ने टीपाखोल की नहरों पर कब्जे का मामला उठाया था।
खबर के बाद राजस्व विभाग की टीम ने जांच की। जांच में एक बड़ी कॉलोनी के साथ ही बड़े शोरूम और आमलोगों के कब्जे पाए गए। सालभर कार्रवाई नहीं हुई, अब नहर को औचित्यहीन बताकर कब्जे के व्यवस्थापन की तैयारी चल रही है।
शुरुआत में कुछ लोगों के कब्जे की रिपोर्ट है। अतिक्रमण का पता लगाने एक और सर्वे किया जाएगा। मई 2021 में भास्कर ने ही कोकड़ीतराई जलाशय की जमीन पर अतिक्रमण का मामला सामने लाया। 41 साल बाद राजस्व का रिकार्ड सुधारा गया। अब 40 से अधिक लोगों को नोटिस दिया गया है।
टीपाखोल नहर के अतिक्रमण के व्यवस्थापन की तैयारी
टीपाखोल डेम की नहर पर अतिक्रमण करने वाले 31 लोगों को नोटिस दिया जा चुका है। एक सर्वे और होगा, बाकी लोगों को भी नोटिस दिया जाएगा। यह जमीन सिंचाई विभाग की है। किसान मुआवजा ले चुके हैं। ऐसी स्थिति में जमीन किसानों को लौटाई नहीं जाएगी। इसके बाद अतिक्रमण करने 31 (दूसरे सर्वे में और लोग जुड़ेंगे) लोगों से सरकारी रेट की 152 फीसदी राशि लेकर उन्हें हक दे दिया जाएगा।
जिले के सिंचाई विभाग ने जमीन राजस्व विभाग को हस्तांतरित करने के लिए एनओसी दे दी है। फाइल शासन से अनुमोदन के लिए भेजी गई है। सिंचाई विभाग से जमीन राजस्व विभाग को हैंडओवर होगी, इसके बाद व्यवस्थापन होगा। टीपाखोल जलाशय में कब्जाधारियों को नोटिस देना अभी बाकी है।
डेम के भीतर कब्जा इसलिए नहीं होगा व्यवस्थापन
कोकड़ीतराई जलाशय के कैचमेंट यानि डूबान एरिया की जमीन पर कब्जा है। इसका व्यवस्थापन नहीं किया जा सकता है। तहसील कोर्ट में सुनवाई का मौका दिया जा सकता है । कब्जा 2017 से पहले का हो या हाल का, निर्माण हटाना ही पड़ेगा। भास्कर की खबर के बाद राजस्व की टीम यहां पहुंची थी। पहले 40 लोगों को नोटिस दिया गया था। 14 दिनों के बाद ये लोग अपना पक्ष रखने बुधवार को तहसीलदार की कोर्ट पहुंचे। यहां अब तक 109 लोगों को नोटिस दिया जा चुका है।
परसदा, कोकड़ीतराई हिस्से में सर्वे बाकी
2 जुलाई को प्रभारी तहसीलदार के नेतृत्व में कोकड़ीतराई जलाशय का सर्वे किया गया। अभी भी परसदा और कोकड़ीतराई हिस्से में काबिज लोगों को नोटिस देना बाकी है। इन क्षेत्रों में भी सैकड़ों घर बन चुके हैं। कोकड़ीतराई बस्ती के भीतर ही गणेश चौक के पास फ्लाइएश डंप कर घर बनाने की तैयारी की जा रही है। तहसीलदार के अनुसार इन सबको नोटिस देकर दस्तावेजों के साथ न्यायालय बुलाया जा रहा है।
जमीन दलालों पर एफआईआर की तैयारी
उच्चभिट्ठी के पूर्व सरपंच सहित जमीन दलालों ने अपनी जमीन बताकर जलाशय के डूबान क्षेत्र को बेचा है । मौके पर काबिज लोगों ने बयान में पूर्व सरपंच चक्रधर राठिया, मोहनलाल राठिया सहित मनीष साहू जैसे जमीन दलालों का नाम बताया है। उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी चल रही है।
कुछ जगहों पर अभी बाकी है सर्वे
अभी नोटिस दिया जा रहा है। सर्वे भी कई जगहों पर बाकी है। गोरखा सहित कोकड़ीतराई इलाकें में जलाशय वाले हिस्से में सर्वे अभी भी चल रहा है।’’ विक्रांत सिंह राठौर, प्रभारी तहसीलदार, रायगढ़
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