राजस्थान के जालोर में शिक्षक की पिटाई से 9 साल के बच्चे की मौत को लेकर छत्तीसगढ़ में भी आक्रोश है। रायगढ़ जिले में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति महासंगठन के सदस्यों ने मटका रैली निकाली। ये रैली आज अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति महासंगठन के अध्यक्ष वीर सिंह नागेश के नेतृत्व में निकाली गई।
महासंगठन ने आक्रोश जताते हुए मृतक छात्र इंद्र मेघवाल के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग की। इस रैली में मटका पकड़कर लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आज गुरुवार को यह रैली रामलीला मैदान से निकली, जो पूरे शहर में भ्रमण करते हुए कांग्रेस कार्यालय तक पहुंची। स्टेशन चौक पर जनसभा भी की गई। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष ने आरोपी अध्यापक को फांसी की सजा देने, उसे सेवा से बर्खास्त करने, घटना की सीबीआई जांच और परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की। महासंगठन ने दलितों पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए नया कानून बनाने की भी मांग की।
ये संगठन की मांग
सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष वीर सिंह नागेश ने कहा कि राजस्थान की घटना से समाज के SC-ST वर्ग पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। पूरे देश की 85 प्रतिशत जनता इसका विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि मृतक बच्चे के परिजनों को कम से कम 50 लाख रुपए का मुआवजा मिलना चाहिए, साथ ही एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी मिलनी चाहिए।
ये है पूरा मामला
दरअसल राजस्थान में जालोर के सुराणा गांव में सरस्वती बाल विद्या मंदिर की तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले 9 साल के बच्चे इंद्र मेघवाल की मौत बड़ा मुद्दा बन गई है। पीड़ित परिवार का कहना है कि मटका छूने पर टीचर छैल सिंह ने इंद्र को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। स्कूल से 5 किलोमीटर दूर इंद्र मेघवाल का घर है। जालोर के SP हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा था कि मर्डर और SC-ST एक्ट में मामला दर्ज कर लिया गया है। टीचर को हिरासत में लिया गया है। मटकी वाली बात की अभी पुष्टि नहीं हुई है। स्कूल में पानी की एक बड़ी टंकी है, वहीं सारे लोग पानी पीते हैं। स्कूल में पढ़ाने वाले SC टीचर ने भी यही बात बताई है।
24 दिन तक इलाज के बाद हुई थी मौत
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