बाल-बाल बची जान:ग्रामीणों के शोर से भागा हाथी, बची बहनों की जान

रायगढ़2 वर्ष पहले
  • कॉपी लिंक

कापू वन परिक्षेत्र के पुसाउडेरा गांव में दो नाबालिग किशोरियों को हाथियों ने पटक दिया। मेनपाट के नर्मदापुर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। नाबालिगों ने बताया कि गांव में हाथी आने की खबर सुन वे जान बचाने घर की तरफ जा रही थीं, इसी दौरान हाथियों से उनका सामना हो गया।

दो दिन पूर्व रंजीत कोरवा की दो बेटियां कांति (12) और ज्योति (15) शाम को खाना खाकर बाहर टहल रही थीं। दूसरे ग्रामीणों के साथ दोनों बहनें भी खुद को बचाने घर की ओर भागीं। सामने आए हाथी ने सूंड से मारकर उन्हें दूर फेंक दिया। गनीमत रही कि हाथियों को बच्चियों के नजदीक देख ग्रामीणों ने शोर मचाया। इससे हाथी वहां से भाग गया।

58 हाथी अभी भी वनमंडल में

धरमजयगढ़ वनमंडल में अभी भी 58 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। हाथियों के दहशत से लोग बुरी तरह से सिहर चुके हैं। हर दिन घटनाएं हो रही हैं। एक दिन पहले ही रथयात्रा देख लौट रहे ग्रामीण को धरमजयगढ़ वनपरिक्षेत्र में एक हाथी ने मारा था।

इसी तरह बीते एक महीने में चार से अधिक लोगों की मौत हाथियों के हमले से हो गई है। दर्जनों घायल है। हर दिन सैकड़ों एकड़ में फसलें बर्बाद हो रही है। जिससे ग्रामीणों का जीना दूभर हो चुका है।