प्रेमिका को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाले युवक को एट्रोसिटी मामले की विशेष अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। शुक्रवार को न्यायाधीश जितेंद्र कुमार जैन ने आरोपी को धारा 306 और एट्रोसिटी एक्ट 3 (2)(5) का दोषी पाया और सजा दी। प्रेमी द्वारा दुत्कारे जाने से आहत युवती ने 5 अक्टूबर 2016 को कोसीर भाठागांव में अपने घर में फांसी लगा ली थी।
विशेष लोक अभियोजक अनूप कुमार साहू के मुताबिक सारंगढ़ कोसीर के भाठागांवकी युवती को सारंगढ़ के संतोष मालाकार से प्रेम संबंध था। शादी के भरोसे पर लंबी चली दोस्ती के बाद 30 सिंतबर 2016 को सारंगढ़ की मनसा क्लिनिक से युवती प्रेमी संतोष के साथ भाग गई थी। दो-तीन साथ रहने के बाद प्रेमी ने युवती को ट्रेन में बैठाकर रायगढ़ भेज दिया। युवती ने गांव में अपनी दादी को फोन कर बताया तो परिजन उसे गांव ले गए।
उसके बाद परिजन ने संतोष से बात की, शादी का प्रस्ताव दिया लेकिन वह नहीं माना। युवती इससे आहत थी। 5 अक्टूबर 16 की तड़के 5 बजे वह बाथरूम गई। देर तक बाहर नहीं निकलने पर परिजन ने दरवाजा खोला तो वह फंदे से लटकी मिली। परिजन ने संतोष मालाकार के खिलाफ युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध दर्ज कराया। युवती अनुसूचित जाति से थी, इसलिए पुलिस ने धारा 306 व एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। कोर्ट ने संतोष को दोषी माना।
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