इस बार चतुर्मास पड़ने के कारण विवाह योग्य युवक-युवतियों को वैवाहिक कार्यक्रम के लिए इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि चतुर्मास के दौरान 117 दिन तक भगवान विष्णु विश्राम करेंगे। पिछले साल 118 दिन का विश्राम था और उससे पहले 2022 में अधिमास होने के कारण चतुर्मास की अवधि 148 दिन की थी। इस बार चतुर्मास की अवधि में एक दिन की कमी आई है। इस सीजन में 8 जुलाई को भड़ली नवमी पर आखिरी विवाह मुहूर्त है। 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी और 4 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। भड़ली नवमी से पहले सिर्फ 10 दिन ही शहनाई बजेंगी। फिर देवउठनी एकादशी के बाद 26 नवंबर से ही शहनाई बजनी शुरू होगी।
9 जुलाई से 25 नवंबर तक 140 दिन नहीं बजेगी शहनाइयां
मिथुन राशि में सूर्य का भ्रमण विवाह के लिए विशेष फलदायी
मिथुन राशि में सूर्य भ्रमण के समय विवाह जैसे मांगलिक कार्य देवशयनी एकादशी तक रहेंगे। इसके बाद चतुर्मास के शुरू होने से 4 माह के लिए विवाह जैसे शुभ कार्य स्थगित हो जाएंगे। मिथुन में सूर्य का भ्रमण शुभ कार्यों के लिए फलदायी माना जाता है। इस समय मुंडन, यज्ञोपवीत संस्कार, विद्यारंभ, वर-वरण, कन्या-वरण, दिव्रागमन, प्रतिष्ठान का प्रारंभ, वस्तु क्रय-विक्रय, विवाह जैसे मांगलिक कार्य के साथ-साथ दान-पुण्य के लिए मिथुन राशि में सूर्य भ्रमण का समय देवशयनी एकादशी तक विशेष है।
साल के अंतिम दो माह में 13 दिन विवाह मुहूर्त, नवंबर में 26 से 28 तक मुहूर्त
पंडितों के अनुसार 17 जून, 21 से 23 जून और 26 को जून को विवाह मुहूर्त है। जुलाई में 2, 3, 5, 6 और 8 को मुहूर्त रहेंगे। ज्योतिषी पं. विवेकशील पाण्डेय ने बताया कि इसके बाद 4 नवंबर को अबूझ मुहूर्त में कुछ लोग विवाह कर सकते हैं, लेकिन शुक्र ग्रह इस दौरान अस्त ही रहेगा। शुक्र 26 नवंबर को दोपहर 12.08 बजे पश्चिम दिशा में उदित होगा, तब मुहूर्त शुरू होंगे। यानी 9 जुलाई से 25 नवंबर तक विवाह की शहनाइयां नहीं बजेंगी। साल के अंत में नवंबर और दिसंबर में कुल 13 दिन मुहूर्त रहेंगे। इनमें नवंबर में 26 से 28 और दिसंबर में 1, 2 से 4, 7 से 9 और 13 से 15 तक मुहूर्त हैं।
सावन मास 14 जुलाई से, 11 को रक्षाबंधन का आयोजन
इस बार श्रावण माह की शुरुआत 13 जुलाई को स्नान-दान पूर्णिमा के अगले दिन 14 जुलाई को होगी। समापन 11 अगस्त को रक्षाबंधन पर होगा। इस तरह श्रावण मास 29 दिन का ही रहेगा। सावन को भगवान शिव का प्रिय मास माना जाता है। आषाढ़ मास में जहां 30 जून से गुप्त नवरात्र शुरू होगी, वहीं 28 जुलाई के बाद हरियाली अमावस्या, नागपंचमी और रक्षा बंधन जैसे बड़े पर्व भी रहेंगे।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.