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शहर के लोग खुले में कचरा ना फेंककर उसे डस्टबिन में एकत्रित करते तो कम समय व कम लागत में शहर को स्वच्छ रखा जा सकता था,परंतु अपने जरा से फायदे के लिए शहर के अधिकांश लोग सुबह होते ही कचरे के ढेर को सड़क किनारे या खाली जगहों पर एकत्रित कर देते है,जिसे साफ करने में नगर पंचायत के पांच दर्जन से भी अधिक लोग कम पड़ जा रहे है,जिसके कारण शहर के हर हिस्से कचरा बिखरा पड़ा है। इससे नगर की छवि खराब हो रही है। नगर पंचायत के सफाई दरोगा रेवा यादव के अनुसार शहर को स्वच्छ रखने मे 31 स्वच्छता दीदी के अलावा 25 प्लेसमेंट कर्मचारी,10 कमांडो एवं 4 नियमित कर्मचारियों की सुबह शाम डयूटी लगाई जाती है। इन कर्मचारियों पर नगर पंचायत की ओर से प्रतिदिन लगभग 18 हजार रुपए का खर्च आ रहा है। इस खर्च के आंकड़े को यदि महीने में निकाले तो पांच लाख से भी अधिक रुपए नगर पंचायत की ओर से शहर को स्वच्छ रखने के लिए सिर्फ सफाई कर्मचारियों को बतौर तनख्वाह के रूप मे देना पड़ रहा है। इस पैसे का यदि शहर के अन्य कार्य या विकास में खर्च किया जाता तो शहर की तस्वीर कुछ और ही बयां करती। बताया जाता है कि लोगों को डस्टबिन में कचरा डालने के लिए अनेक बार नगर पंचायत की ओर से कार्यशाला का भी आयोजन किया है, पर इसके बाद भी शहर के कई लोग घर व दुकान से निकलने वाले कचरे को डस्टबिन में जमा करने के बजाए उसे बाहर फेंकने से बाज नहीं आ रहे हैं। बताया जाता है कि आसपास की नगर पंचायतों की अपेक्षा शहर के लोग कचरा बाहर फेंकने में सबसे आगे हैं। ये ऐसा कर शासन के राजपत्र का भी अपमान कर रहे है। स्वच्छ भारत अभियान में डस्टबिन में कचरा एकत्रित करने के बाद नगर पंचायत की वाहन में देने के लिए राजपत्र में कुछ मूल्य का निर्धारण किया है। इस रकम को मंथली तौर पर घर एवं अन्य प्रतिष्ठानों से लेकर उसे महिला सफाई कर्मचारियों के बीच तनख्वाह के रूप में दिया जाना है। इस पूरे कार्य को राजपत्र में वर्गफीट के अनुसार बांटा गया है, पर शहर के लोग इस निर्धारित रकम को बचाने के चक्कर मे राजपत्र का अपमान करने के अलावा समूह की महिला सफाई कर्मचारियों की तनख्वाह पर भी सेंध मारने का काम कर रहे हैं।
यूजर चार्ज नहीं देने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
नगर पंचायत के उपाध्यक्ष श्यामनारायण गुप्ता ने बताया कि घर एवं दुकान के बाहर कचरा फेंकने वाले लोगो को अनेक बार हिदायत दी जा चुकी है। इसके बाद भी शहर का एक बड़ा वर्ग डस्टबिन में कचरा एकत्रित ना कर उसे बाहर खुली जगह में फेंक देते हैं। इसके कारण सफाई कर्मचारियों को दिनभर डयूटी में लगाने के बाद भी कई जगहों से कचरा नहीं उठ पा रहा है। उनका कहना है कि ऐसे लोगों को हिदायत के अलावा जुर्माने का भी डर दिखाया जा चुका है,पर इसके बाद भी कुछ लोग खुद के क्रियाकलापों में सुधार नहीं ला पा रहे। आने वाले समय में जुर्माने की राशि बढ़ाकर बाहर कचरा फेंकने वालो पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
कई बार दी गई है हिदायत
"शहर के अधिकांश हिस्सों में कचरा बाहर फेंककर प्रदूषण फैलाया जा रहा है। लोगों को अनेक बार हिदायत दी गई कि कचरा बाहर ना फेंके, पर उसके बाद भी लोग स्वच्छता के प्रति जागरूकता नहीं दिखा रहे।''
-रेवा यादव,सफाई दरोगा, नगर पंचायत पत्थलगांव
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